आखिर इस शख्स की वजह से 1 हजार लोगों ने क्यों की खुदकुशी ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
वैसे तो आपने दुनिया के कई ऐसे कुख्यात शासकों के बारे में सुना होगा, जिसने अपनी जिद और अहंकार की वजह से कई लोगों की जान ले ली। लेकिन अमेरिकी इतिहास में जिम जोंस का नाम एक ऐसी घटना से जुड़ा है, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उस घटना के बारे में, जो गुयाना के जोंसटाउन में हुई थी। 18 नवंबर 1978 में हुए इस दर्दनाक कांड में करीब 912 लोगों की जहर पीने से मौत हो गई थी। इस हादसे में करीब 276 बच्चों की भी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद जब अमेरिकी फोर्स वहां पहुंची, तो पूरा जोंसटाउन शवों से से भरा पड़ा था।
दरअशल कम्युनिस्ट विचारधारा वाले जिम जोंस खुद को मसीहा के तौर पर पेश करता था। उसने साल 1956 में पीपल्स टेंपल नाम से एक चर्च बनवाया था, जिसका उद्देश्य जरूरतमंद लोगों की मदद करना था। उसकी बातों ने लोगों को काफी प्रभावित किया और देखते ही देखते भारी संख्या में लोग उनके फॉलोवर बन गए। इंडियाना से जिम ने अपना चर्च कैलिफोर्निया के रेडवुड वैली में शिफ्ट कर लिया। अमेरिकी सरकार से अलग विचार रखने के चलते जिम जोंस सबसे दूर जाकर साउथ अमेरिका के गुयाना में अपने फॉलोवर्स के साथ बसने का फैसला किया। लेकिन वहां जाकर जोंस की टीम के फॉलोवर्स को ये पता चला कि असलियत में टीम वो नहीं हैं, जो खुद को बताते हैं। लोगों से 11 घंटों से ज्यादा काम करवाया जाता था। इतना ही नहीं, रात को स्पीकर पर बजने वाले जिम के भाषण की वजह से कोई सो भी नहीं पाता था।
इसके बाद अमेरिकी सरकार ने जब वहां से लोगों को निकालने की कोशिश की, तो जिम ने इसे सरकारी क्रूरता करार देते हुए लोगों से एक साथ सुसाइड करने की अपील कर डाली। इनमें से कई लोगों ने जिम की बात मान कर जहर पी लिया। लेकिन जिन लोगों ने उसका विरोध किया उन्हें जबरन जहर देकर मार दिया गया।