आखिर भारत के इस गांव को क्यों कहते हैं मिनी इजराइल ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
देवभूमि के नाम से जाना जानें वाला हिमाचल प्रदेश अपनी विचित्र परंपराओं के लिए मशहूर है। यहां एक ऐसा गांव है जिसे मिनी इजराइल कहा जाता है। दिल्ली से करीब 512 किलोमीटर दूर जंगल के बीचों-बीच और पार्वती नदी के किनारे बसा यहां के कुल्लू जिले का कसोल गांव बेहद ही शांत और ठंडा इलाका है।
यहां हर साल बड़ी संख्या में इजराइली टूरिस्ट आते हैं, जिनमें युवा लड़के-लड़कियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। कहा जाता है कि इजराइली टूरिस्ट्स के आने का ये सिलसिला साल 1990 से ही चला आ रहा है। इजरायल से इतनी संख्या में आने वाले टूरिस्ट्स की वजह से इस गांव की संस्कृति और शैली पर इजरायल का जबर्दस्त प्रभाव हुआ। जिसकी झलक यहां साफ तौर पर देखी भी जा सकती है। इजरायली नागरिक इस गांव में इतनी तादात में आते हैं कि ऐसा लगता है मानों ये कोई इजरायल का ही गांव हो। आंकड़ों की मानें तो इस साल के शुरुआती महीने में करीब 1119 इजरायली नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव होने चलते इजराइली यहां का रुख करते हैं। आलम ये है कि कसोल में इजराइल की हिब्रू भाषा में पोस्टर दिखना आम बात है। होटलों के नामों के अलावा, मेन्यू में व्यंजनों के नाम भी हिब्रू में लिखे होते हैं। यहां के स्थानीय लोग और होटल संचालक भी थोड़ी बहुत इजराइली भाषा में बात कर लेते हैं।