आखिर लिफ्ट में क्यों लगाया जाता है आईना ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
पलक झपकते ही जो लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर तक पहुंचा देती हो, उसमें भला आईने का क्या काम? क्या आपने लिफ्ट में आईना लगाने के पीछे के असली कारण जानने की कोशिश की, अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे, कि आखिर लिफ्ट में आईना क्यों लगाया जाता है।
दरअसल जिस दौर में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई, उसी दौरान ऊंची इमारतों का निर्माण शुरू हुआ। जैसे-जैसे बिल्डिंग लंबी होती गई, लिफ्ट की जरूरत महसूस होने लगी। मगर जब लिफ्ट में लोग सवार होकर टॉप फ्लोर तक जाने लगे, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनका काफी वक्त बर्बाद हो रहा है। लोगों का कहना था कि लिफ्ट बहुत धीरे काम करता है, जिसकी वजह से उनका वक्त बर्बाद हो जाता है।
वहीं, कई लोगों ने कहा कि उन्हें हर वक्त ये डर सताता है कि कहीं लिफ्ट टूट ना जाए, कहीं वो एलिवेटर की वजह से किसी हादसे का शिकार ना हो जाएं। कंस्ट्रक्शन कंपनी और लिफ्ट बनाने वाले विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हो गए कि आखिर लोगों की समस्या हल कैसे की जाए। कैसे लिफ्ट की स्पीड बढ़ाई जाए और उनके मन से खौफ दूर किया जाए। तभी एक एक्सपर्ट ने बताया कि लिफ्ट स्लो नहीं है, बस लोग ऐसा सोचते हैं कि लिफ्ट की स्पीड कम है।
उस एक्सपर्ट ने कहा कि अगर लिफ्ट में आईना लगा दिया जाए, तो लोग खुद को निहारने में मशगूल हो जाएंगे, उनका ध्यान भटकेगा तो उन्हें एहसास भी ना होगा कि लिफ्ट की स्पीड क्या है। ये ट्रिक कामयाब हुई। लिफ्ट में आईना लगने के बाद जिन लोगों ने इसका इस्तेमाल किया, उन्होंने बताया कि अब लिफ्ट तेजी से ऊपर-नीचे जाती है। जबकि, असलियत में एलिवेटर की स्पीड में कोई बदलाव नहीं किया गया था।