ऐसा अनोखा मंदिर जहां नहीं होती देवी-देवता की पूजा ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
आम तौर पर मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां किसी देवी-देवता की नहीं, बल्कि मिसाइलों की पूजा की जाती है।
जी हां, ये ऐसा मंदिर है, जहां भगवान नहीं बल्कि मिसाइलें भगवान के स्वरूप में पूजी जाती हैं। ओडिशा के व्हीलर द्वीप पर बना ये दुनिया में अपनी ही तरह का एकमात्र अनोखा मंदिर है। भारत की लगभग सभी मिसाइलों का प्रक्षेपण इसी द्वीप से किया जाता है। दिलचस्प बात ये है कि हर लॉन्च से पहले यहां स्थित शिवमंदिर में इन मिसाइलों की सफलता की कामना की जाती है। मिसाइल पुरुष डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हों या अग्नि पुत्री कहलाने वाली अग्नि परियोजना की निदेशक टेसी थामस या फिर मौजूदा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन प्रमुख, सभी इस मंदिर में शीश नवाने आते रहे हैं।
जिस जगह ये मंदिर बना है, उस द्वीप की खोज भी बड़े अजीबोगरीब तरीके से हुई थी। भारतीय वैज्ञानिकों ने एक मिसाइल के परीक्षण से इस व्हीलर द्वीप को खोजा था। मिसाइल दागने के बाद जब समंदर में उसकी खोज हुई, तो जहाजों को वो कहीं नहीं मिली। आखिरकार ये डेढ़ वर्ग किलोमीटर का द्वीप दिखाई दिया, जहां उस मिसाइल का मलबा पड़ा हुआ था। जहां ये मलबा पाया गया था, उसे आज पृथ्वी प्वाइंट कहा जाता है।
एक रक्षा वैज्ञानिक ने बताया कि इसी द्वीप पर एक छोटा सा मंदिर भी पाया गया। कोई आबादी न होने के बावजूद यहां मंदिर की मौजूदगी अपने आप में आश्चर्यजनक थी। बाद में डीआरडीओ ने इस मंदिर का विकास कराया और मंदिर में भारत की मिसाइलों की सफलता के लिए मन्नत मांगी जाने लगी। अब हर प्रक्षेपण से पहले इस मंदिर के पुजारी को किसी पुरोहित की तरह बुलाया जाता है। मंदिर के प्रांगण में पल्ला बिछाया जाता है। वहां 11 नारियलों के साथ पूजा होती है। देश के मिसाइल वैज्ञानिक एक-एक करके यहां नारियल फोड़कर मंदिर में नतमस्तक होते हैं। और फिर वैज्ञानिक आश्वस्त होकर अपने-अपने कंप्यूटरों की राह पकड लेते हैं।