ऐसा देश जहां कब्रस्तान में है जिंदगी का असली मजा !

लालकिला पोस्ट डेस्क
कब्रिस्तान का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। ऐसे में अगर आपका दोस्त या परिवार का कोई सदस्य घुमाने के नाम पर आपको कब्रिस्तान की सैर कराए, तो आप क्या करेंगे आप? संभव है, डर के भाग जाएं। लेकिन एक ऐसा भी देश है, जहां कब्रिस्तान में दोस्तों के साथ मौज करना और परिवार के साथ समय बिताना पसंद किया जाता है।
जी हां, डेनमार्क में कब्रिस्तान का नाम सुनते ही लोगों के चेहरे खिल जाते हैं। वैसे तो यहां घूमने के लिए बहुत सी अच्छी जगहें हैं, फिर भी यहां के लोगों को कब्रिस्तान में घूमकर सुकून मिलता है। ये स्थान डेनमार्क के लोगों के लिए खास है। इसकी वजह कब्रिस्तान में उनके अपनों की समाधि होना है। डेनमार्क के लोगों को जब भी समय मिलता है, वो अपनों से मिलने और उनका ध्यान रखने के लिए कब्रिस्तान चले जाते हैं। उनके हिसाब से ये सामाजिक बनने का भी सबसे अच्छा तरीका है।
यहां आने के बाद लोगों को दूर हो चुके करीबियों से जुड़े रहने का अहसास उन्हें होता है। वहां के आम पार्कों में जितनी सुविधाएं रहती हैं, उतनी सुविधाएं इन कब्रिस्तानों में भी होती हैं। पेड़ पौधों से लैस, चारों तरफ शांत वातावरण होता है। कब्रिस्तान को सुंदर फूलों से सजाया जाता है। कई लोग अपने पूर्वजों या करीबियों की कब्र के पास उनकी पसंद के अनुसार, पेड़-पौधे लगाते हैं। वहां के लोग जब भी क्रबिस्तान आते हैं, तो मृतक की पसंद के अनुसार ही खाना भी लाते हैं।
इतना ही नहीं वहां के लोगों के करीबी जो दुनिया से विदा हो चुके हैं, उनके लिए एक व्यक्तिगत पेड़ होता है, जिसमें उनकी तस्वीर या कुछ खास निशानियों को रखा जाता है। हर कोई कब्रिस्तान में वक्त बिताने के लिए अपना एक अलग समय चुनता है और अपने दोस्तों या परिवार के साथ कब्रिस्तान की सैर करता है। यहां के लोगों का मानना है कि अपनों के पास आने से डरना क्यों ? वे कहते हैं कि उनके पूर्वजों की आत्मा किसी न किसी रूप में उनके साथ होती है। ऐसे में ये उनका भी कर्तव्य है कि उनके पूर्वजों के जाने के बाद भी वो उनका ख्याल रखें।