देश में कहां शादी से पहले महिलाओं को बनना पड़ता है मां ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
हमारे देश में अगर शादी से पहले कोई लड़की मां बन जाए, तो उसे और उसके बच्चे को समाज कभी स्वीकार नहीं करता। लेकिन भारत में एक ऐसी भी जगह है, जहां शादी से पहले लड़कियों का मां बनना जरुरी है। इस परंपरा को टोटो जनजाति के लोग आज भी निभाते हैं।
जी हां, पश्चिमी बंगाल में जलपाईगुड़ी के टोटो जनजाति दुनिया की सबसे छोटी जनजातियों में से एक है। भारत-भूटान बॉर्डर पर बसे इस जनजाति की संख्या कम होने की वजह से टोटोपडा कस्बे में अपने नियम बनाए गए हैं। इन्हीं में से एक परंपरा लड़कियों की शादी से पहले बच्चे होने की है।
इस परंपरा के अनुसार लड़का अपनी पसंद की लड़की को भगाकर एक साल तक अपने घर रखता है। इस दौरान अगर लड़की मां बन जाती है, तो उसे शादी के लायक माना जाता है। बाद में लड़के और लड़की के घरवाले इनकी शादी करवाते हैं। लेकिन अगर इन एक सालों में लड़की मां नहीं बनती है, तो इस संबंध से छुटकारा पाने के लिए भी नियम हैं। ऐसे जोड़े को इस संबंध से तभी मुक्ति मिलती है जब सुअर की बलि दी जाती हैं।
बताया जाता है कि अपने अस्तित्व को बचाने के लिए इस जनजाति के लोगों ने ऐसी परंपरा की नींव डाली थी। 1901 में टोटो समुदाय के लोगों को संख्या महज 172 थी, जो 2009 में किसी तरह 1300 के करीब पहुंची है। यहां शादी का नियम बेहद सख्त है और इसे तोड़ने वालों को शादी में ज्यादा खर्च और पूजा-पाठ करना पड़ता है।