क्या बाबा बर्फानी से जुड़ी ये चमत्काारिक बातें जानते हैं आप ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
अमरनाथ की गुफा भारत के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित ये प्रमुख धार्मिक स्थल जम्मू कश्मीर में स्थित है। हर साल इस गुफा के दर्शन के लिए धार्मिक यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस बार ये यात्रा 28 जून से हुई है, जो 15 अगस्त तक चलेगी। ऐसे में आइए जानते हैं इस गुफा के बारे में रोचक और रहस्यमयी बातें।
नंबर एक- इसलिए नाम है अमरनाथ गुफा
बर्फीली बूंदों से बनता है, प्राकृतिक हिम शिवलिंग। भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमृत्व का रहस्य बताया था, इसलिए इस गुफा को अमरनाथ गुफा कहा जाता है।
नंबर दो- पार्वती शक्तिपीठ और 51 शक्तिपीठ
इस गुफा में पार्वती शक्तिपीठ स्थित है। ये शक्ति पीठ माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। धार्मिक मान्यता है कि इस जगह पर माता सती का कंठ गिरा था।
नंबर तीन- कबूतर का जोड़ा और शिव-पार्वती
जानकारी के अनुसार, गुफा में कबूतर का एक जोड़ा रहता है। इस जोड़े को अमर बताया जाता है। मान्यता है कि कबूतर का ये जोड़ा जिस किसी भी श्रद्धालु को दिखाई देता है, खुद शिव-पार्वती उस भक्त को दर्शन देकर मोक्ष प्रदान करते हैं।
नंबर चार- शिवलिंग का स्त्रोत क्या है?
इस गुफा के बारे में हैरान करनेवाली बात ये है कि बर्फ का शिवलिंग बनने के लिए गुफा में पानी का स्त्रोत क्या है, ये अब तक एक अनसुलझी पहेली है।
नंबर पांच- कच्चा और मुलायम बर्फ
इस हिमलिंग के आस-पास जो बर्फ फैला रहता है, वो कच्चा और मुलायम होता है। जबकि हिमलिंग का बर्फ ठोस होता है।
नंबर छह- शिव ने पार्वती को बताया बड़ा रहस्य
अमरत्व का रहस्य न जानने के चलते देवी पार्वती का जन्म और मृत्यु चक्र चलता रहता था, जबकि शिव अमर हैं। इस कारण माता पार्वती जन्म और मृत्यु के चक्र से गुजरतीं हैं और शिव को पति रूप में प्राप्त करतीं हैं। जबकि शिव अपनी शक्ति का अपने उसी रूप में वरण करते। इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया।
नंबर सात- मुस्लिम ने की थी अमरनाथ गुफा की खोज
बूटा मलिक नामक एक मुस्लिम गडरिया एक दिन भेड़ चराते-चराते बहुत दूर निकल गया। बूटा स्वभाव से बहुत विनम्र और दयालु था। ऊपर पहाड़ पर उसकी भेंट एक साधु से हुई। साधु ने बूटा को एक कोयले से भरी एक कांगड़ी दिया। बूटा ने जब घर आकर उस कांगड़ी को देखा, तो उसमें कोयले की जगह सोना भरा हुआ था। तब वो उस साधु को धन्यवाद करने पहुंचा। लेकिन वहां साधु नहीं मिले और एक गुफा दिखी।