दुनिया की रहस्यमय डेड बॉडी जो सालों से नहीं हुईं खराब ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
वैसे तो मौत के बाद बेजान शरीर तेजी से खराब होने लगता है, लेकिन दुनियाभर में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां इंसानी शरीर कुछ सालों तक नहीं, बल्कि हजारों साल तक वैसे ही रहे। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसी डेड बॉडी भी है, जो करीब 2100 सालों से सुरक्षित है। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी 6 डेड बॉडी के बारे में जिनके ऊपर सालों से कोई फर्क नहीं पड़ा।
नंबर एक- लेडी जिन सूई की बॉडी
हान राजवंश की लेडी जिन सूई की बॉडी को दुनिया की सबसे सुरक्षित ममी माना जाता है। उनकी मौत 163 ईसा पूर्व हुई थी। 2000 साल बाद 1972 में जब लेडी जिन सूई के मकबरे को खोदा गया, तो बॉडी बेहद सुरक्षित मिली और नसों में खून अवशेष भी मिले।
नंबर दो- सेंट जीटा की बॉडी
इटली के बैसिलिका डि सैन फ्रेडिआनो में कैथोलिक संत सेंट जीटा की मौत 1272 में होने का दावा किया जाता है। 1580 में उनकी बॉडी को खोदकर निकाला गया, तो ये सुरक्षित हालत में मिली।
नंबर तीन- जॉन टोरिंगटन की बॉडी
नॉर्थवेस्ट पैसेज की रिसर्च में लगे 22 साल के अंग्रेज ऑफिसर जॉन टोरिंगटन की मौत 1846 में हुई थी। मौत के बाद उनकी बॉडी को दफना दिया गया था। लेकिन जब 1984 में टोरिंगटन की कब्र को शिफ्ट करने के लिए खोदा गया, तो सभी लोग हैरान रह गए। टोरिंगटन की डेड बॉडी तक ज्यों की त्यों रखी हुई थी।
नंबर चार- डोरजहो इटिगिलोव
बौद्ध भिक्षु डोरजहो इटिगिलोव 1927 में ध्यान करते वक्त अपने प्राण त्याग दिए थे। उनकी डेड बॉडी को ठीक इसी पोजिशन में जमीन में दफना दिया गया था। 1955 में अनुयायियों ने उनकी समाधि स्थल को खोला, तो बॉडी ध्यान की पोजिशन में ज्यों की त्यों थी। इसके बाद इस बॉडी को इटिगेल खाम्बयन पैलेस टेम्पल में रखवा दिया गया।
नंबर पांच- रोसालिआ लोम्बार्डो की बॉडी
सिसली की राजधानी पालेर्मो में दो साल की बच्ची रोसालिआ लोम्बार्डो की डेड बॉडी रखी हुई है। उसकी मौत 1920 में हुई थी। बॉडी को सुरक्षित रखने के लिए अल्कोहल, सैलीसाइलिक एसिड और ग्लिसरीन के मिश्रण से ऐसा केमिकल तैयार किया, जिससे ये बॉडी आज भी सुरक्षित रखी हुई है।
और नंबर छह- व्लादीमीर लेनिन की बॉडी
सोवियत संघ के नेता व्लादीमीर लेनिन की मौत 1924 में हुई थी। आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए सरकार उनकी बॉडी को सुरक्षित रखना चाहती थी। आज भी इसे सुरक्षित रखने के लिए बॉडी को केमिकल से नहलाया जाता है और इंजेक्शन लगाए जाते हैं। आज भी लेनिन की बॉडी ऐसे लगती है, जैसे वो जीवित हों।