करोना वायरस से जमींदोज हो चुकी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए बड़े राहत पॅकेज की घोषणा जल्द

लालकिला पोस्ट डेस्क
करोना वायरस ने देश की कमर को तोड़ दिया है। लोगों की जानें भी जा रही है और अर्थव्यवस्था भी बर्बादी के कगार पर पहुँच गई है। अब लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए जल्द ही केंद्र सरकार एक और बड़ा राहत पैकेज घोषित कर सकती है। सूत्रों के अनुसार घोषणा लॉकडाउन खत्म होने से पहले ही हो जाएगी। इसमें उद्योगों को विशेष राहत दी जा सकती है। सरकार का ध्यान सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों विमानन, खुदरा व्यापार, पर्यटन, टूर एवं ट्रैवल, होटल उद्योग के अलावा छोटे और मझोले उद्योगों पर है।
उद्योग संगठन सीआईआई और एसोचैम ने उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार से बड़े पैकेज की मांग की है। सीआईआई की मुख्य अर्थशास्त्री विदिशा गांगुली ने बताया, ‘अर्थव्यवस्था को फिर पटरी पर लाने के लिए कम से कम 8 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। वहीं, एसोचैम ने 15 से 20 लाख करोड़ के पैकेज की मांग की है। पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने भी संकेत दिए थे कि सरकार को आरबीआई से करीब 5 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज लेना पड़ सकता है।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय ने आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में उद्योगों को नुकसान के अलावा बेरोजगार हुए लोगों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए नौकरशाहों की एक समिति बनाई है। मोदी सरकार ने पिछले सप्ताह ही गरीबों और समाज के वंचित तबकों के लिये मुफ्त खाद्यान्न और खातों में कैश ट्रांसफर के रूप में 1.7 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया था। लॉकडाउन से पहले सरकार उद्योगों के लिए तीन लाख करोड़ का पैकेज दे चुकी थी, लेकिन लॉकडाउन ने उद्योगों की कमर तोड़ दी है।
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