क्या आपको पता है कि गाली देने से हिम्मात और ताकत बढ़ती है ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
आम तौर पर गाली गलौज को असभ्यता का प्रतीक माना जाता है। गाले देने वाले को लोग असभ्य और खराब इंसान समझते हैं। फिर भी जाने अंजाने हममे से ज्यादातर लोग बात-बात पर गाली देते दिख ही जाते हैं। ऑफिस से निकलने में देर हो जाए तो गाली, गाड़ी ड्राइव करते समय अचानक सामने कोई आ जाए तो गाली, यहां तक कि अचानक कोई खुशखबरी मिल जाए, तब भी कुछ लोगों के मुंह से गाली निकल ही जाती है।
आस-पास मौजूद लोग बात बात में गाली देने की आदत को भले ही बहुत खराब मानें, लेकिन वैज्ञानिक बताते हैं कि गाली देने से व्यक्ति के दिल को काफी सुकून मिलता है और आगे आने वाली मुश्किलों को वो आसानी से झेल जाने को तैयार हो जाता है। इंग्लैंड के कीले यूनिवर्सिटी में साल 2009 में एक ऐसा सामाजिक शोध हुआ था, जिसमें गाली देने की आदत वाले तमाम लोगों को शामिल किया गया।
कुछ दिन की रिसर्च और निगरानी के बाद जो परिणाम आया वो चौंकाने वाला है। रिसर्च के मुताबिक गाली देने से किसी भी व्यक्ति को आने वाली किसी भी समस्या या मुसीबत को झेलने और उस से लड़ने की मानसिक तौर पर हिम्मत और ताकत मिलती है। या कहें कि जब एक इंसान को आने वाली किसी दिक्कत के बारे में पता चलता है और अगर ये सुनकर उसके मुंह से गाली निकल पड़े, तो ऐसा करके वो अंजाने में ही अपने दिल दिमाग को उसके लिए तैयार कर लेता है।
रिसर्च के दौरान बहुत सारे छात्रों को बर्तनों में रखे बर्फीले ठंडे पानी में हाथ रखने को कहा गया। पानी में हाथ डालते ही छात्रों के मुंह से गाली छूट पड़ी। खास बात ये रही कि गाली नहीं देने के मुकाबले गाली देने वाले ज्यादा देर तक उस ठंडे पानी में हाथ रखने में सफल रहे। अध्ययन के मुताबिक अचानक जोर से चिल्लाने या किसी शब्द के गलत उच्चारण करने से शरीर में मौजूद एड्रेनालाईन नाम का हार्मोन तेजी से बाहर आता है, जो इंसान की दर्द या मुश्किल झेलने की क्षमता बढ़ाता है।