आखिर सोने से भी ज्यादा कीमती क्यों होती है व्हेल की उल्टी ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
कब कौन एक झटके में अमीर हो जाए…और कौन गरीब…किसी को पता नहीं होता…कभी-कभी लोगों के हाथ कुछ ऐसा लग जाता है…जो उन्हें एक झटके में फर्श से अर्श तक पहुंचा देता है…ताइवान में एक शख्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है…सुनसान टापू पर घूमते हुए इस शख्स को…गोबर जैसी कठोर और सूखी चीज नजर आई…जिससे अच्छी खुशबू आ रही थी…इसे वो उठा कर अपने घर ले आया…हालांकि उसे इस बात का अंदाजा नहीं था…आखिर ये चीज है क्या…काफी खोजबीन और पता लगाने के बाद उसे पता चला…कि उसके हाथ 4 किलो का जो गोबरनुमा खजाना हाथ लगा है…वो व्हेल की उल्टी थी…जो 210,000 डॉलर यानि 1.5 करोड़ रुपए में बिका…
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर व्हेल की उल्टी इतनी कीमती होने के पीछे असली वजह क्या है…तो आपको बता दें कि व्हेल के शरीर से निकलने वाले इस अपशिष्ट को…कई वैज्ञानिक उल्टी बताते हैं…तो कई इसे मल बताते हैं…कई बार ये पदार्थ रेक्टम के जरिए बाहर आता है…लेकिन कभी-कभी पदार्थ बड़ा होने पर व्हेल इसे मुंह से उगल देती है…वैज्ञानिक भाषा में इसे एम्बरग्रीस कहते हैं…व्हेल की आंतों से निकलने वाला एम्बरग्रीस काले या स्लेटी रंग का ठोस…मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ है…जो व्हेल के शरीर के अंदर उसकी रक्षा करता है…
आमतौर पर व्हेल समुद्र के तट से काफी दूरी बनाकर रहती हैं…ऐसे में उनके शरीर से निकले एम्बरग्रीस को समुद्र के किनारे आने में कई साल लग जाते हैं…समुद्र के नमकीन पानी और सूरज की रोशनी के चलते ये एम्बरग्रीस चट्टान जैसी चिकनी…भूरी गांठ में बदल जाता है…जो मोम जैसा महसूस होता है…एम्बरग्रीस का इस्तेमाल परफ्यूम बनाने में किया जाता है…इस वजह से ये काफी कीमती होता है…एम्बरग्रीस से बने परफ्यूम की खुशबू लंबे समय तक बनी रहती है…कई वैज्ञानिक एम्बरग्रीस को तैरता सोना भी कहते हैं…वहीं इसकी वजन की बात करें, तो ये 15 ग्राम से 50 किलो तक हो सकता है…वैसे तो दुनिया के कई हिस्सों में एम्बरग्रीस से बने परफ्यूम का इस्तेमाल होता है…प्राचीन मिस्र के लोग एम्बरग्रीस से अगरबत्ती…और धूप बनाया करते थे…