करोना महामारी : कोटा मामले पर अब छिड़ा सियासी संग्राम

लालकिला पोस्ट डेस्क
राजस्थान के कोटा में पढ़ने वाले यूपी के बच्चों की वापसी पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस फैसले का विरोध किया है तो यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने योगी सरकार का समर्थन किया है। विधानसभा चुनाव से पहले छात्रों की वापसी के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सवालों से घिरे नीतीश ने गृहमंत्री अमित शाह से बात कर यूपी सरकार के इस कदम पर एतराज जताते हुए दखल की मांग की है। चर्चा है कि नीतीश के पीएम नरेंद्र मोदी से भी बात की है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने स्वीकार किया कि कहा कि नीतीश ने गृहमंत्री से बातचीत कर अपना एतराज जताया है। यूपी सरकार के फैसले के कारण बिहार सरकार के सामने धर्म संकट की स्थिति पैदा हो गई है। विरोधी दलों को चुनावी साल में हम पर हमला करने का मौका मिल गया है। जेडीयू सूत्रों ने बताया कि जब बीते 23 मार्च को योगी सरकार ने दिल्ली से प्रवासी मजदूरों को बस से वापस बुलाया था तब भी नीतीश ने केंद्र सरकार के समक्ष नाराजगी जताई थी।
नीतीश का कहना था कि इस फैसले ने उन पर अपने राज्यों के प्रवासी मजदूरों को भी वापस लाने का दबाव बना दिया है। तब केंद्र सरकार में शीर्ष स्तर पर पूरे मामले में हस्तक्षेप किया गया। अब कोटा से छात्रों को वापस लाने के नए सिरे से टकराव की स्थिति बनी .
दरअसल बिहार में इसी साल अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। विपक्षी दलों ने लॉकडाउन में फंसे बिहारी मजदूरों के मामले को मुद्दा बना लिया है। चूंकि पड़ोसी राज्य यूपी अपने मजदूरों-छात्रों को वापस बुलाना शुरू किया है, इसलिए विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसा ही कदम नीतीश क्यों नहीं उठा रहे।
उधर मायावती ने कहा है कि ”यूपी सरकार ने लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे 7500 छात्रों की सकुशल वापसी के लिए कई बसें भेजी हैं। यह स्वागत योग्य कदम है। बसपा भी इसकी सराहना करती है। लेकिन सरकार से अनुरोध है कि वह उन लाखों प्रवासी मजदूरों के परिवार की चिंता करे जो अपने घरों से दूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।’

‘ जबकि जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर कहते हैं कि ” बिहार के लोग देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री केवल लॉकडाउन के सिद्धांतों का पाठ सिखा रहे हैं। विभिन्न राज्य सरकारें शायद कुछ कर रही हों, लेकिन नीतीश कुमार ने संबंधित राज्य सरकारों से बात तक नहीं की। यहां तक कि उन्होंने पीएम के साथ हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इस मुद्दे को नहीं उठाया।’