आखिर कहां पाया जाता है धरती का सबसे कठोर जीव ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
आमतौर पर इंसान 35 से 40 डिग्री के तापमान में ही परेशान हो जाता है…लेकिन पृथ्वी पर एक जीव ऐसा भी है…जो 300 डिग्री टेंपरेचर पर भी जिंदा रह सकता है…इतना ही नहीं इस पर रेडिएशन का भी कोई असर नहीं होता है…इतना ही नहीं कुछ जानने के बाद अब आप…इस अनोखे जानवर के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो रहे होंगे…
तो आपको बता दें कि ‘वॉटर बीयर’ नाम का एक जीव है…जिसे टार्डिग्रेड्स या मॉस पिग्लेट्स के नाम से भी जाना जाता है…अजीब तरह के दिखने वाला ये जीव 300 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान को सहन कर सकता है…साथ ही अंतरिक्ष के ठंड और मरियाना ट्रेच जैसे भारी दबाव वाले क्षेत्रों में भी ये जीवित रह सकता है…खास बात ये है कि जिस पाराबैगनी किरणों की चपेट में आने से त्वचा कैंसर समेत कई बीमारियों के होने का खतरा रहता है…उसका भी इस जीव पर कोई असर नहीं होता…
इस जीव पर भारत में हुए हालिया रिसर्च में ये खुलासा हुआ है…भारतीय शोधकर्ताओं को इस जीव के अंदर एक नया जीन मिला है…जिसे ‘पैरामैक्रोबियोटस’ कहा गया है…पैरामैक्रोबियोटस एक सुरक्षात्मक फ्लोरोसेंट ढाल है…जो अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन का विरोध करता है…ये जीन हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर…उसे हानिरहित नीली रोशनी के रूप में वापस बाहर निकालता है…वहीं सामान्य जीव इन हानिकारक किरणों के बीच महज 15 मिनट तक ही जिंदा रह सकते हैं…स्टडी में पता चला है कि ‘पैरामैक्रोबियोटस’ के नमूने…यूवी प्रकाश के तहत प्राकृतिक प्रतिदीप्ति प्रदर्शित करते हैं…जो यूवी विकिरण की घातक खुराक के खिलाफ रक्षा करता है…
शोधकर्ताओं की माने तो इस जीव के ‘पैरामैक्रोबियोटस’ को निकालकर…अन्य जीवों में भी ट्रांसफर किया जा सकता है…ऐसा करने से अन्य जीव भी खतरनाक किरणों…और रेडिएशन के बीच जीवित रह सकते हैं…हालांकि अन्य देशों के एक्सपर्ट इस स्टडी को अधूरा मान रहे हैं…