झारखंड सरकार का दाल- भात केंद्र असहायों के लिए बना संजीवनी

लालकिला पोस्ट डेस्क
झारखंड की हेमन्त सरकार का ‘दाल-भात केंद्र’ असहायों और निर्धनों के साथ ही करोना पीड़ितों के लिए सूबे में संजीवनी साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दाल-भात केंद्रों की सफलता के बाद मंगलवार से रांची में ‘मुख्यमंत्री रसोईघर’ की भी शुरुआत भी कर दी है। जानकारी के मुताविक झारखंड में 377 दाल-भात केंद्र पहले से चल रहे थे, जहां पांच रुपये का भुगतान कर लोग भरपेट भोजन करते थे। सरकार ने लॉकडाउन की स्थिति में 498 दाल-भात केंद्र शुरू करने का निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह के अंदर सभी नए विशेष दाल-भात केंद्र शुरू करने की बात कही गई है।
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने सभी जिला के उपायुक्तों को कुछ दिन के अंदर ही हर जिले में जगह चिन्हित कर वहां केंद्र खुलवाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं, अब जिला प्रशासन जगह चिन्हित कर रहा है। उन्होंने बताया, “झारखंड के सभी दाल-भात केंद्रों में मंगलवार से असहाय लोगों को नि:शुल्क भोजन मिलने लगा है। अबतक पांच रुपये में पेटभर भोजन कराया जाता था। सरकार ने यह निर्णय लॉकडाउन अवधि के लिए लिया है।”
उरांव ने बताया कि यह व्यवस्था लॉकडाउन के बाद भी कुछ माह तक चलाया जाएगा, जबतक हर क्षेत्र में स्थिति पटरी पर ना आ जाए। दाल-भात केंद्र चलाने वाले संचालकों को अलग से पैसा मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दाल-भात केंद्र में बड़ी संख्या में असहाय और निर्धन लोग पहुंच रहे हैं और खाना खा रहे हैं। मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि इससे पहले सभी थानों में बने सेंट्रलाइज्ड किचन से लोगों को भोजन दिया जा रहा है। इसमें भी कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लोगों को भोजन मिलेगा, इसमें कोई कमी नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के इस दौर में जहां असहायों और निर्धन लोगों के भोजन का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में दाल-भात केंद्र ऐसे लोगों के लिए वरदान बनी हुई है।