निर्भया को मिला न्याय ,चारो दोषियों को साढ़े पांच बजे फांसी पर लटका दिया गया

लालकिला पोस्ट डेस्क
निर्भया के चारों दोषियों को आज सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर चढ़ा दिया गया। फांसी के फंदे से उतरने के बाद चारो दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर के शव का पोस्टमार्टम करा करके उसके परिजनों को शव सौंप दिया गया।
हालांकि इनमें से तीन दोषियों ने निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ गुरुवार रात दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। रात करीब 10 बजे हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने भी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने दोषियों के वकील से सख्त लहजे में कहा कि अब आपके मुवक्किलों का ऊपरवाले से मिलने का वक्त आ गया है। इसके बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन यहां भी उनके हाथ मायूसी ही लगी।
इससे पहले निचली अदालत ने दोषियों की याचिका खारिज की तो एक ओर जहां पीड़िता का परिवार खुश नजर आया वहीं दूसरी ओर दोषी अक्षय की पत्नी के आंसू छलक आए। निर्भया की मां आशा देवी ने आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि दोषियों की फांसी के बाद उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिल जाएगी। उन्होंने कहा, मैं खुश हूं। मेरी बेटी के साथ हुए अपराध के सात साल बाद मुझे न्याय मिला है। आखिरकार अब दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। अब जाकर मुझे सुकून मिलेगा।
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में मौत की सजा पाए अक्षय कुमार की पत्नी ने यहां पटियाला हाउसकोर्ट के बाहर फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी पर लटका देना चाहिए।
अक्षय की पत्नी ने हाल ही में बिहार फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। उसने कहा कि वह बलात्कारी की विधवा की पहचान के साथ जीना नहीं चाहती। अदालत के बाहर उसने कहा, मैं भी न्याय चाहती हूं। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है। समाज उनके पीछे क्यों पड़ा है? हम इस उम्मीद के साथ जी रहे थे कि हमें न्याय मिलेगा लेकिन बीते सात साल से हम रोज मर रहे हैं। वह खुद को सैंडल से पीटने लगी, जिसके बाद अदालत के बाहर मौजूद वकीलों ने उसे ढांढस बंधाया।
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