आखिर जेल में क्यों बंद है ये दो विदेशी, वजह जान हैरान हो जाएंगे ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
वैसे तो जेल का नाम सुनकर ही लोगों के पसीने छूटने लगते हैं। लेकिन आज हम आपको मलेशिया के दो ऐसे युवक से मिलाने जा रहे हैं, जो क्वालालंपुर से सिर्फ इसलिए हैदराबाद आए हैं, ताकि वो जेल में अपनी छुट्टियां बिता सकें।
जी हां, ये हैं निग इन वो और ओंग बून टेक। जो मलेशिया से जेल में रहने के लिए खासतौर पर हैदराबाद आए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो निग जहां पेशे से डेंटिस्ट हैं, वहीं ओंग एक बिजनेसमैन हैं। दोनों ने हाल ही में जेल प्रशासन से एक हफ्ते जेल में रहने के लिए संपर्क किया था। जेस प्रशासन से परमिशन मिलने के बाद दोनों भारत आए।
सबसे मजेदार बात तो ये है कि यहां जेल में रहने के दौकान दोनों ने गार्डनिंग से लेकर सफाई तक का काम खुद किया और कैदियों की तरह समय गुजारा। बताया जा रहा है कि जेल में इस तरह से करीब 47 लोग आकर ठहर चुके हैं। खासकर विदेशी टूरिस्ट इसमें विशेष रूचि दिखा रहे हैं।
आपको बता दें कि वर्ल्ड टूरिज्म प्रोग्राम के तहत तेलंगाना जेल विभाग का ‘फील द जेल’ नाम से एक उपक्रम है, जिसके तहत आम आदमी जेल में 24 घंटे बिता सकते है। इस उपक्रम की सबसे खास बात ये कि जिस जेल में टूरिस्ट को 24 घंटे बिताने को मिलेंगे, वो जेल 1796 में निजाम काल में बनी थी। यहां रुकने के लिए प्रति व्यक्ति बकायदा 500 रुपये चार्ज देना होता है। इस चार्ज में जेल प्रशासन टूरिस्ट को एक वक्त का भोजन और कैदियों के कपड़े देता है। 2016 से लेकर अब तक इस जेल टूरिज्म का कई टूरिस्ट लुत्फ़ उठा चुके हैं।