अस्पतालों में हरे रंग के कपड़ों को तरजीह क्यों दिया जाता है ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
आपने अक्सर अस्पतालों में डॉक्टर्स को हमेशा हरे…या नीले रंग का कपड़ा पहने हुए देखा होगा…खासकर डॉक्टर ये कपड़ा तब पहनते हैं…जब कोई सर्जरी करनी होती है…लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है…कि आखिर ऑपरेशन के समय डॉक्टर हरे या नीले रंग का ही कपड़ा क्यों पहनते हैं…आखिर अस्पतालों में हरे या नीले रंग के कपड़ों को तरजीह क्यों दिया जाता है ? तो आइए आपको बताते हैं इसके पीछे की असली वजह के बारे में…
कहा जाता है कि पहले डॉक्टरों से लेकर अस्पताल के सभी कर्मचारी…सफेद कपड़े पहनते थे…मगर साल 1914 में एक प्रभावशाली डॉक्टर ने इस पारंपरिक ड्रेस को हरे रंग में बदल दिया…और तब से यही चलन ही बन गया…हालांकि कुछ डॉक्टर नीले रंग के भी कपड़े पहनते हैं…अगर आपने ध्यान दिया होगा…तो अस्पताल में पर्दों का रंग भी हरा या नीला ही होता है…टूडे सर्जिकल नर्स के 1998 के अंक में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो…सर्जरी के वक्त डॉक्टरों ने हरे रंग का कपड़े इसलिए पहनते हैं…क्योंकि ये आंखों को आराम देते हैं…
अक्सर ऐसा होता है कि जब भी हम किसी एक रंग को लगातार देखने लगते हैं…तो हमारी आंखों में अजीब सी थकान महसूस होने लगती है…हमारी आंखें सूरज या फिर किसी भी दूसरी चमकदार चीज को देख कर चौंधिया जाती हैं…लेकिन इसके तुरंत बाद अगर हम हरे रंग को देखते हैं…तो हमारी आंखों को सुकून मिलता है…वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए…तो हमारी आंखों का जैविक निर्माण कुछ इस तरह हुआ है…कि ये मूलतः लाल, हरा और नीला रंग देखने में सक्षम हैं…इन रंगों के ही मिश्रण से बने अन्य करोड़ों रंगों को इंसानी आंखें पहचान सकती हैं…मगर इन सभी रंगों की तुलना में हमारी आंखें…हरा या नीला रंग ही सबसे अच्छी तरह देख सकती हैं…
हमारी आंखों को हरा या नीला रंग उतना नहीं चुभता…जितना लाल और पीला रंग…यही वजह है कि हरे और नीले रंग को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है…अस्पतालों में पर्दे से लेकर कर्मचारियों के कपड़े तक हरे…या नीले रंग के ही होते हैं…ताकि अस्पताल में आने और रहने वाले मरीजों की आंखों को आराम मिल सके…और उन्हें कोई परेशानी न हो…डॉक्टर ऑपरेशन के वक्त हरे रंग के कपड़े इसलिए भी पहनते हैं…क्योंकि वो लगातार खून और मानव शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर मानसिक तनाव में आ सकते हैं…ऐसे में हरा रंग देखकर उनका मस्तिष्क उस तनाव से मुक्त हो जाता है…