क्या ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले बन जाएंगे बंदर ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
पूरी दुनिया में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस की वैक्सीन कब तक आएगी…ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है…हालांकि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है…और माना जा रहा है कि इस साल के आखिरी तक…ये वैक्सीन लोगों को उपलब्ध हो जाएगी…लेकिन उससे पहले इस वैक्सीन को खिलाफ रूस में एक जबर्दस्त अभियान चलाया जा रहा है…
दऱअसल रूस में सोशल मीडिया पर फेक मैसेज वायरल हो रहे हैं…जिसमें कहा जा रहा है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को लगवाने वाले लोग बंदर बन जाएंगे…तस्वीरों और वीडियो संदेशों के जरिए इस दावे को पुख्ता बनाने की कोशिश भी की जा रही है…और कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन को बनाने के लिए…चिंपांजी के वायरस का इस्तेमाल किया गया है…रूस के एक लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम वेस्टी न्यूज में भी…इस फेक मैसेज से जुड़ी खबरें दिखाई गई हैं…
रूस में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में…ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भी एक फोटोशॉप से बनाई गई तस्वीर है…जिसमें उन्हें एक यति के रूप में पीएम दफ्तर डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर टहलते दिखाया गया है…साथ ही तस्वीर के कैप्शन में लिखा है…मुझे अपना बिगफुट वैक्सीन पसंद है…वहीं वायरल हो रही एक अन्य तस्वीर में…एस्ट्राजेनेका कंपनी की लैब कोट पहने एक चिंपांजी को भी दिखाया गया है…जिसके हाथ में वैक्सीन वाली एक सिरिंज है…आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाने में ऑक्सफोर्ड की साझीदार है…
इसके अलावा अमेरिका के अंकल सैम की भी एक तस्वीर वायरल हो रही है…जिसमें लिखा है…मैं आपको मंकी वैक्सीन देना चाहता हूं… इन फेक तस्वीरों और मैसेजों को लेकर ब्रिटेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है…और कहा है कि रूस के इस अभियान का मकसद सिर्फ ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन की छवि…और मार्केटिंग को नुकसान पहुंचाना है…ताकि वो अपनी वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ को दुनियाभर में बेच सकें…