इस मंदिर में पति-पत्नी के एक साथ पूजा करना मना है ? इस मंदिर में साथ पूजा करने से क्यों डरते हैं पति-पत्नी …

लालकिला पोस्ट डेस्क
पति-पत्नी अपनी जिंदगी में खुशहाली के लिए अक्सर मंदिर में एक साथ पूजा करते हैं। लेकिन एक मंदिर ऐसा है जहां अलग होने के डर से कोई भी पति-पत्नी एक साथ पूजा नहीं करते। शिमला के पास रामपुर के मश्रु गांव में एक दुर्गा माता का मंदिर है। कहते हैं कि इस मंदिर में अगर पति-पत्नी ने एक साथ माता के दर्शन किए, तो माता रुष्ट हो जाती हैं और इन दोनों को अलग कर देती हैं।
इस मंदिर को श्राई कोटि माता मंदिर के नाम से पूरे हिमाचल प्रदेश में जाना जाता है। यहां दर्शन को जाने वाले दंपति एक-एक करके मंदिर में घुसते हैं। पहले पति दर्शन करके आता है और उसके बाद पत्नी मंदिर में जाकर माता के दर्शन करती है।
कहा जाता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव ने गणेश और कार्तिकेय से ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाने को कहा तो कार्तिकेय तो ब्रह्माण्ड की परिक्रमा पर निकल गए, जबकि गणेश ने माता पिता का चक्कर लगाकर कह दिया कि मेरा ब्रह्माण्ड तो माता पिता के चरणों में है। उनका विवाह हो गया और कार्तिकेय ने कभी भी विवाह न करने की कसम खा ली।
इस जगह पर माता पार्वती का मंदिर है और दरवाजे पर गणेश जी अपनी पत्नी सहित विराजित हैं। कार्तिकेय के विवाह न करने के प्रण से आहत होकर माता पार्वती ने शाप दिया कि जो भी दंपति इस मंदिर में एक साथ पूजा करने आएंगे वो अलग हो जाएंगे। इसी शाप के चलते कोई भी दंपति यहां एक साथ माता के दर्शन नहीं करता। गांव वालों का दावा है कि जिन लोगों ने एक साथ मंदिर में घुसने की भूल कि वो कालांतर में अलग हो गए।