भारत के इस मंदिर में माथा टेकने से मिलता है मनचाहा पार्टनर ! ऐसा मंदिर जहां हर साल लगता है आशिकों का मेला !

लालकिला पोस्ट डेस्क
आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां मनचाहे लाइफ पार्टनर पाने की मुराद पूरी होती है। जी हां, यूपी के बांदा जिले में केन नदी किनारे भूरागढ़ दुर्ग में हर साल 14 जनवरी को ‘आशिकों का मेला’ लगता है। जहां हजारों प्रेमी जोड़े आकर पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं।
ये है नट बाबा का प्रेम मंदिर, जहां हर साल आशिकों का मेला लगता है। ये जगह आशिकों के लिए किसी इबादतगाह से कम नहीं है। कहा जाता है कि इस मंदिर में विराजमान नटबाबा ने अपने प्रेम के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी थी।
यहां के लोगों की मानें तो करीब 600 साल पहले महोबा के रहने वाले नोने अर्जुन सिंह, भूरागढ़ दुर्ग के किलेदार थे। इसी किले में नट जाति का 21 साल का बीरन बतौर नौकर काम करता था। इसी दौरान किलेदार की बेटी को बीरन से प्यार हो गया और उसने अपने पिता से शादी की जिद की। इस पर किलेदार अर्जुन सिंह ने बेटी के सामने एक शर्त रखी, शर्त के मुताबिक बीरन को नदी के उस पार बांबेश्वर पर्वत से किले तक सूत पर चढ़कर पार करना था।
बीरन ने ये शर्त स्वीकार कर ली। मकर संक्रांति के दिन वो सूत पर चढ़कर किले तक जाने लगा। उसने नदी तो पार कर ली, लेकिन जैसे ही भूरागढ़ दुर्ग के पास पहुंचा तो अर्जुन सिंह ने किले की दीवार से बंधे सूत को काट दिया। हादसे में बीरन की मौत हो गई। फिर क्या था किलेदार की बेटी ने भी किले से कूदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद किले के नीचे ही दोनों प्रेमी युगल की समाधि बना दी गई, जो बाद में मंदिर में बदल गई। और तभी से यहां हर साल मेला लगने की परंपरा शुरू हो गई।