यूरोप में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी त्रासदी ,करोना ने ली 30 हजार लोगों की जान

लालकिला पोस्ट डेस्क
वैश्विक आंकड़ों के अनुसार अकेले यूरोप में ही 30 हजार से अधिक लोगों की जान ले चुकी है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने इसे दूसरे विश्वयुद्ध के बाद मानवता के समक्ष सबसे भीषण संकट करार दिया है। इटली और स्पेन में कोरोना वायरस ने कहर मचा रखा है और पूरे महाद्वीप में प्रत्येक चार मौतों में से तीन मौत इन देशों में हो रही हैं। स्थिति यह है कि पृथ्वी की लगभग आधी आबादी इस समय लॉकडाउन की जद में है, ताकि संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में पिछले 24 घंटों की अवधि के सर्वाधिक खतरनाक रहने के बीच आगाह किया कि समूचे अटलांटिक के लिए दो सप्ताह बहुत दर्दनाक हो सकते हैं। उन्होंने इस स्थिति को ‘‘प्लेग” करार दिया. अमेरिका में इस विषाणु के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना वायरस के अब तक लगभग 1,90,000 मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमण के मामलों की संख्या महज पांच दिन के भीतर ही दुगुनी हो गई है। चीन में दिसंबर में महामारी के उभरने के बाद से समूचे विश्व में अब तक लगभग 41 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और 8,30,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस का मानना है कि वायरस की वजह से असाधारण आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो रही है तथा विश्व भीषण खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘…हमारा मानना है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद हम सबसे बड़े चुनौतीपूर्ण संकट का सामना कर रहे हैं.” कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में लॉकडाउन के चलते कंपनियां बंद हो गई हैं और श्रमशक्ति को घरों में बैठना पड़ रहा है। इसके चलते विश्व में आर्थिक अनिश्चितता और अशांति के दृश्य सामने आ रहे हैं।