इस मंदिर को किसने और क्यों दे दिया था श्राप ? आखिर शाम को इस मंदिर में प्रवेश क्यों मना है ? जानिए

लालकिला पोस्ट डेस्क
भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। देश में स्थित हर मंदिरों का अपना इतिहास है। साथ ही इन मंदिरों से जुड़े बेहद ही रोचक तथ्य भी हैं, जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये मंदिर शापित है।
जी हां राजस्थान के बाड़मेर से 30 किलोमीटर एक छोटा सा गांव है किराड़ू। इस गांव में एक मंदिर है। इस गांव का नाम इस मंदिर के नाम पर ही पड़ा है। कहते हैं कि 11वीं शताब्दी में किराड़ू परमार वंश की राजधानी हुआ करता थी। लेकिन आज ये यहां चारों सन्नाटा पसर हुआ है। जो भी शख्स इस जगह के बारे में जानता है, उसके चेहरे पर किराड़ू के नाम दहशत पसर जाती है। किवदंतियों में ऐसा उल्लेख है कि बाड़मेर का ये एतिहासिक मंदिर श्रापित है।

किराड़ू के बारे में जो किस्से-कहानियां मशहूर हैं, उन्हें जानने के बाद लोग हैरान रह जाते हैं। इस मंदिर के आस-पास रहने वाले लोग इस मंदिर से जुड़े अपशकुनों और श्रापों के बारे बताते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक मंदिर के बाहर एक बड़ा सा पत्थर है, जो एक कुम्हारिन है और एक ऋषि के श्राप के चलते पत्थर बन गई है। इस मंदिर में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है। सारी वास्तुकलाओं पर ताला लगा दिया जाता है। जैसे ही सूरज ढलता है इंसानी शरीर को इससे दूर कर दिया जाता है। कहते हैं जो भी शाम के बाद यहां रुकता है, वो पत्थर बन जाता है।
लोगों का कहना है कि यहां मौजूद सभी पत्थर किसी जमाने में इंसान हुआ करते थे। शायद इसी डर से आज तक किसी ने कानूनी कायदों को चुनौती देने की जुर्रत नहीं की। 19 शताब्दी में यहां भूकंप आया था, जिसकी वजह से इस मंदिर को बहुत नुकसान पहुंचा। कई सालों तक वीरान रहने के कारण इस मंदिर का रख-रखाव नहीं हो पाया था। किराड़ू में कुल 5 मंदिर हैं, जिनमें से आज सिर्फ विष्णु और सोमेश्वर का मंदिर ही सही हालत में हैं। यहां मौजूद सभी मंदिरों में से सोमेश्वर मंदिर सबसे बड़ा है। पैरानॉर्मल सोसाइटी ऑफ इंडिया के एक सदस्य ने मंदिर की गैलेरी में घोस्ट मशीन यानी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड को मापने वाला एक उपकरण रखा। तो पाया कि यहां इंसानों के अलावा भी कोई दूसरी ताकत मौजूद है।