आखिर कहां मां-बाप नहीं रखते हैं अपने बच्चों के नाम ?
लालकिला पोस्ट डेस्क
आमतौर पर सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे का नाम सबसे अलग हो, वो भी पूरे विधि-विधान के साथ रखा जाए। अक्सर ये देखा जाता है कि माता-पिता बच्चा होने से पहले ही उसका नाम सोचने लगते हैं। लेकिन ऐसा हर जगह नहीं होता। दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां बच्चों का नाम रखना हंसी खेल नहीं। ऐसा नहीं है कि आप बच्चे का कुछ भी नाम रख दें।
जी हां, हम बात कर रहे हैं डेनमार्क की, जहां सरकार के मुताबिक आपको अपने बच्चे का नाम रखना होगा। दरअसल यहां सरकार की अपनी एक लिस्ट होती है, जिसमें छोटे बच्चों के नाम दर्ज होते हैं। आपको सरकार की उसी लिस्ट के अनुसार अपने बच्चों के लिए नाम चुनने होते हैं। ऐसा करने के पीछे एक बड़ी वजह ये है कि यहां एक सख्त नियम ये है कि जब किसी बच्चे का जन्म होता है, तो माता-पिता को सबसे पहले उसके जन्म की जानकारी सरकार को देनी होती है।
इसके साथ ही बच्चे की पूरी डिटेल देनी होती है, जैसे बच्चा लड़का है या लड़की। जब बच्चे का नाम सरकार की लिस्ट में शामिल हो जाता है, तब बच्चों के घर माता-पिता के पास नामों की एक लिस्ट आती है। अगर आपका लड़का है, तो उस लिस्ट में सभी लड़कों के नाम दर्ज होते हैं और उन्हीं में से एक नाम आपको अपने बच्चे के लिए रखना होता है। लड़कियों के लिए भी बिल्कुल वैसी ही लिस्ट होती है, लेकिन लड़कियों वाली लिस्ट में नामों की संख्या थोड़ी ज्यादा होती है। इस लिस्ट में कुल 18000 नाम लड़कियों के लिए होते हैं और 15000 नाम लड़कों के शामिल होते हैं, जिसमें से आप नाम चुन सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप अपने बच्चों के लिए उन नामों से अलग नाम चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सरकार से पहले अनुमति लेना जरूरी है। सरकार का मानना है कि बच्चों के नाम ऐसे होने चाहिए, जिनसे उनका जेंडर भी पता लगे। इसके अलावा उनके फर्स्ट नेम में सरनेम करैक्टर नहीं होना चाहिए।
