आखिर ऊंटनी के दूध को क्यों कहा जाता है सफेद सोना ?
लालकिला पोस्ट डेस्क
रेगिस्तान के जहाज के नाम से मशहूर ऊंट को कौन नहीं जानता। लेकिन क्या आपको बता है कि ऊंटनी के दूध को सफेद सोना कहा जाता है। अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे इसके फायदे के बारे में। हालांकि ऊंटनी का दूध का स्वाद नमकीन होता हैं, साथ ही भैंस और गाय के दूध के सामान टेस्टी भी नहीं होता हैं, लेकिन इसका दूध हमारे लिए एक वरदान से कम भी नहीं हैं।
हमारे देश में ही नहीं बल्कि यूनाइटेड अरब अमीरात में भी ऊंटनी का दूध पीने वालों की कमी नहीं है। ऊंटनी एक दिन में सात किलो दूध देती है। इसका दूध दिन में दो बार निकाला जा सकता है। इसमें गाय के दूध से लगभग आधा फैट होता है। ऊंटनी के दूध से 2008 में चॉकलेट बनाने का काम शुरू हुआ था।
ऊंटनी के दूध पर हुए रिसर्च की मानें तो कमजोर दिमाग वाले बच्चों को ऊंटनी का दूध पिलाने से उनका दिमाग तेज होता है। रैका जनजाति के लोगों पर किए गए शोध के अनुसार ऊटनी का दूध पीने से डायबिटीज होने का खतरा भी नहीं रहता है। ऊंटनी के एक लीटर दूध में करीब 52 फीसदी इंसुलिन होता है। भारत में राजस्थान,
ऊंटनी का दूध शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे मौसमी बीमारियां शरीर में नहीं होती। ये बच्चों को कुपोषण से भी बचाता है और उनमें बौद्धिक क्षमता का विकास करता है। ऊंटनी का दूध न सिर्फ जल्दी पचता है, बल्कि इसमें मौजूद शर्करा, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, सुगर, फाइबर, लैक्टिक एसिड, आयरन, मैग्निशियम, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी 2, विटामिन सी, सोडियम, फास्फोरस, पोटैशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीज जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को सुंदर और निरोगी बनाते हैं। इसके अलावा ये कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करता है।
