हवाई जहाज में लगे इस लाल रंग के डब्बे को क्यों कहते हैं ‘ब्लैक बॉक्स’ ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
बेहद कम लोगों को यह बात मालूम होगी कि ब्लैक बॉक्स क्या होता है? जिन्हें यह मालूम है कि ये क्या चीज है, हो सकता है उन्हें यह न पता हो कि लाल रंग होने के बावजूद ये ब्लैक बॉक्स क्यों कहलाता है..? दरअसल इसके पीछे कई रोचक कारण छुपे हुए हैं।
दरअसल, ब्लैक बॉक्स विमान की पल-पल की जानकारी रखता है। ये किसी भी विमान में उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को बारीकी से रिकॉर्ड करने वाला उपकरण है। ये हवाई जहाज के पिछले हिस्से में फिट होता है। जो प्लेन क्रैश के बावजूद सही सलामत बच जाता है। टाइटेनियम के बने होने के चलते काफी ऊंचाई से गिरने के बावजूद उसे नुकसान नहीं पहुंचता।
इसमें विमान की दिशा, ऊंचाई, ईंधन कितना है, गति, हलचल, केबिन का तापमान समेत 88 तरह के आंकड़े रिकॉर्ड होते हैं। ये 25 घंटों से अधिक की रिकार्डेड जानकारी रखता है। ब्लैक बॉक्स 11000°C के तापमान को एक घंटे तक झेल सकता है और उसके भीतर लगा यंत्र 260°C के तापमान को 10 घंटे तक सहन कर सकता है। ब्लैक बॉक्स में लगा ये रिकार्डर फ्लाइट की उड़ान के 2 घंटे के समय की आवाज रिकार्ड करता है। ये इंजन की आवाज, आपातकालीन अलार्म की आवाज, केबिन की आवाज और कॉकपिट की आवाज और फ्लाइट कंट्रोल के बीच की बातचीत रिकार्ड करता है। ताकि पता चल सके हादसे के पहले विमान का माहौल कैसा था।
ब्लैक बॉक्स 30 दिनों तक बिना विद्युत के काम कर सकता है। जब ये विमान से अलग होता है, तो प्रत्येक सेकंड एक बीप की आवाज/तरंग निकालता है। ये तरंग 30 दिनों तक निकलती है। जिसे खोजी दल 2 से 3 किलोमीटर की परिधि में आसानी से खोज सकते हैं। 15000 फीट गहरे समुंदर में से भी यह तरंगें भेजता रहता है।