आखिर स्मॉग के खतरे से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
इन दिनों आपको मौसम कुछ बदला-बदला लग रहा होगा। सुबह-शाम की धुंध देखकर आप भी सोच रहे होंगे कि सर्दियां शुरू हो गई हैं और फॉग पड़ने लगा है। लेकिन जरा संभलकर, ये फॉग नहीं स्मॉग है। स्मॉग धुआं, गैस और रसायनिक कणों का मिश्रण होता है। स्मॉग में न केवल सांस लेना मुश्किल हो जाता है, बल्कि ये सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक है। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप स्मॉग के खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं-
नंबर एक- स्मॉग के सीधे संपर्क में आने से बचें। हो सके तो कम से कम वक्त बाहर बिताएं। खुले में हेवी एक्सरसाइज करने से बचें।
नंबर दो- स्मॉग फॉर्मेशन की वजह से सुबह और शाम को प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है। ऐसे में वॉक पर न जाना ही बेहतर रहेगा।
नंबर तीन- जिस समय सूरज आसमान में साफ चमक रहा हो, उस वक्त अपने घर की खिड़की-दरवाजे खोलकर रखें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे। केमिकल एयर फ्रेशनर के इस्तेमाल से बचें।
नंबर चार- ड्राइव करते वक्त या फिर गाड़ी में बैठते वक्त ये जरूर सुनिश्चित करें कि हवा का आना-जाना बना रहा। केबिन में CO का लेवल बढ़ जाने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
नंबर पांच- अगर संभव हो तो घर के भीतर भी एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। खट्टे फलों का सेवन बढ़ा दें। गुड़ का सेवन करें। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ साफ हो जाते हैं।
नंबर छह- N95/N99 मास्क को इस्तेमाल करें। अगर आपके पास मास्क नहीं है, तो नाक और मुंह पर रूमाल रखें। इससे भी 25 फीसदी तक सुरक्षा तो मिलेगी ही। मास्क और रूमाल का इस्तेमाल बाइक चलाते समय या फिर ऑटो मे जाते वक्त जरूर करें।
नंबर सात- अगर आपको घबराहट महसूस हो रही है तो एक टी-बैग को स्टीमर में डालकर, स्टीम इन्हेल करें। इससे श्वसन क्रिया बेहतर होगी और आराम मिलेगा।
और नंबर आठ- अपने बच्चों को खेलने के लिए बाहर न भेजें। उन्हें घर में ही खेलने के लिए प्रेरित करें। अगर स्थिति बिगड़ती दिख रही हो तो, डॉक्टर से मिलने में जरा भी देर न करें।