यहां मरने पर कई सालों तक भुगतनी पड़ती है खतरनाक सजा ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
देश के एक कस्बे में पिछले कई सालों से एक हैरान करने वाली प्रथा चली आ रही है। यहां के इस प्रथा के मुताबिक इस कस्बे में लोगों के मरने पर पाबंदी है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा विचित्र कानून कहां और नार्वे क्यों लागू किया गया।
तो आपको बता दें कि ये अजीबोगरीब कानून नॉर्वे के द्वीप स्वालवर्ड की राजधानी लॉन्गइयरबेन में लागू है। खबरों की मानें तो कस्बे में 1950 में ये कानून लागू किया गया था और तब से लेकर आजतक इस कस्बे में लोगों का मरना गैरकानूनी है। इसके पीछे जो कारण बताए जा रहे हैं, उसके मुताबिक नार्वे में तापमान काफी कम रहता है। निधन के बाद जब किसी की लाश को दफनाया जाता है, तो वो कई साल तक वैसी ही बनी रहती हैं। यानि वो मिली में नहीं मिलती है। मिट्टी में सम्मिलित नहीं होती।
ऐसे में अगर किसी शख्स की मौत बीमारी की वजह से हुई है, तो शव के मिट्टी में नहीं मिलने की वजह से बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कहा जाता है कि इस कस्बे में साल 1918 में स्पेनिश फ्लू की वजह से काफी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोगों की कब्रें बनी हुई हैं।
इस वजह से अगर किसी शख्स की तबीयत बहुत खराब होती है और ऐसा लगता है कि वो बच नहीं पाएगा तो उसे किसी और स्थान पर भेज दिया जाता है। इस कस्बे में अभी तक कोई अस्पताल भी नहीं है, जिस वजह से महिलाओं को भी डिलीवरी के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है।