उम्र के हिसाब से जाने शरीर में पानी की कमी है या नहीं ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
शरीर में आप जितना पानी लेते हैं, उससे ज्यादा बाहर निकल जाता है। ऐसे में हमें पर्याप्त पानी लेना चाहिए, क्योंकि पानी की कमी से शरीर के बेसिक काम करने में प्रॉब्लम्स होने लगती है और बॉडी डिहाइड्रेड हो जाती है। पसीना, आंसू, पेशाब में हमारे बॉडी का पानी निकल जाता है। अगर डिहाइड्रेशन माइल्ड है तो आपको थकान महसूस होगी, हेडेक होगा। इससे आपका मूड अफेक्ट होने के साथ ही फोकस भी डिस्टर्ब हो सकता है।
अगर किसी छोटे बच्चे की जीभ सूख रही हो, रोते समय आंसू नहीं निकल रहा हो, 3 घंटे तक डाइपर गीला नहीं करता हो, मुंह सूखा और स्टिकी हो, आंखें और गाल अंदर धंसे हुए दिखे, तेज सांस लेता हो, पल्स तेज या धीमे चलता हो, तो ये डिहाइड्रेशन के संकेत हैं। वहीं अगर एडल्टस की बात करें, तो प्यास लगने के साथ मुंह सूखा और स्टिकी फील होना, दिन में 4 बार से ज्यादा टॉयलेट न जाना, कम यूरिन होना और उसका कलर डार्क होना, यूरिन से तेज दुर्गंध आना, सर घूमना और चक्कर आना डिहाइड्रेशन के संकेत हैं।
इसलिए पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतजार न करें। थोड़े- थोड़े समय पर पानी पीते रहे। अगर आपको दस्त लग जाते हैं, तो आपकी बॉडी से ज्यादा पानी निकल जाता है। बच्चे बड़ों की तुलना में ज्यादा डिहाइड्रेड होते हैं। वहीं बड़ी ऐज के लोगों को पानी पीने का ध्यान ज्यादा रखना चाहिए, क्योंकि उम्र के साथ उन्हें प्यास लगने का सेंस कम होता जाता है। प्रेग्नेट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को पानी ज्यादा पीना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को हर रोज कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए।