करगिल युद्ध के दौरान पाक के कब्जे में था ये इंडियन पायलट ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत के दो 2 पायलटों को गिरफ्तार कर लिए हैं। उसके दावों की सच्चाई की परख होनी बाकी है। इसी तरह 20 साल पहले भी कारगिल युद्ध के समय पाक ने भारत के एक फाइटर पायलट को गिरफ्तार कर लिया था। नाम था के नचिकेता।
दरअसल 3 जून 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान IAF के फाइटर पायलट के नचिकेता को वायु सेना की ओर से चलाए गए ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ में MIG 27 उड़ाने का काम सौंपा गया था। उस वक्त उनकी उम्र 26 साल थी। नचिकेता ने दुश्मन के बिल्कुल करीब जाकर 17 हजार फुट से रॉकेट दागे और दुश्मन के कैंप पर लाइव रॉकेट फायरिंग से हमला किया। लेकिन इसी बीच उनके विमान का इंजन खराब हो गया। जिसके बाद इंजन में आग लगने से MIG 27 क्रैश हो गया। नचिकेता विमान से सुरक्षित तो निकल गए, लेकिन वे पीओके के पास स्कार्दू में फंस गए।
इसके बाद पाकिस्तानी सौनिकों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था। जिसके बाद पाकिस्तान सेना ने उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से टॉर्चर किया। पाकिस्तानी आर्मी उनसे भारतीय आर्मी की जानकारी निकालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। नचिकेता ने बताया कि उन्हें बुरी तरह पीटा जाता था। हालांकि पाक सरकार पर दबाव रहा और 8 दिन बाद पाक आर्मी ने नचिकेता को इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस को सौंपा। जिसके बाद नचिकेता को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत भेजा गया।
तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया। वायु सेना में उनकी बहादुरी के चलते नचिकेता को वायु सेना मेडल सम्मानित किया गया है। 31 मई 1973 को जन्में नचिकेता ने अपनी पढ़ाई दिल्ली में केंद्रीय विद्यालय से की। जिसके बाद पुणे के करीब खडकवासला नेशनल डिफेंस अकेडमी में ट्रेनिंग लेकर वायु सेना में भर्ती हो गए थे। उन्होंने 1990 से साल 2017 तक वायु सेना को अपनी सेवा दी। भारतीय वायुसेना में उनकी रैंक बातौर ग्रुप कैप्टन थी।
कारगिल युद्ध के दौरान चोट लगने से नचिकेता फाइटर फ्लाइंग में वापस जाने में असमर्थ थे, लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और विशाल Il-76 ट्रासपोर्ट विमान उड़ाते थे। बकौल नचिकेता एक पायलट का दिल हमेशा एक विमान से जुड़ा रहता है।