गंगा नदी के बारे में वो बातें जिसे आप नहीं जानते होंगे !

लालकिला पोस्ट डेस्क
हमारे देश में गंगा नदी का क्या महत्व है, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। गंगा के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा के चलते ही इस नदी को मां की संज्ञा दी गई है। देश के करीब 97 शहर और गांव सीधे-सीधे गंगा किनारे बसे हुए हैं। लेकिन जिस नदी को हम मां मानते हैं, वो इन दिनों बेहद मैली हो गई है। तमाम कोशिशों के बावजूद गंगा को साफ नहीं किया जा सका है। बावजूद इसके पांच ऐसी जगह भी हैं, जहां गंगा पूरी तरह से साफ है।
नंबर एक- गंगोत्री
उत्तराखंड के एक छोटे से शहर उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री, गंगा नदी का उद्गम स्थान है। जहां से ये निकलती हैं, उसे गौमुख कहा जाता है। ये शहर से करीब 19 किलोमीटर दूर है। अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं, तो ये जगह आपके लिए है। इसमें तपोवन, गौमुख और गंगोत्री का ट्रैक बेहद लुभावना है।
नंबर दो- बद्रीनाथ की अलकनंदा
गंगा के बनने में दो नदियों का संगम होता है। एक नदी भागीरथी जो गंगोत्री से आती है, तो वहीं दूसरी नदी अलकनंदा बद्रीनाथ से आती है। भागीरथी जहां गंगा की जननी कही जाती है, वहीं अलकनंदा को जीवनदायिनी कहा जाता है। बद्रीनाथ से शुरू होने वाली अलकनंदा में गंगा का एक अलग ही रूप दिखेगा।
नंबर तीन- देवप्रयाग
बद्रीनाथ से आगे बढ़िए देवप्रयाग, जहां गंगा का जन्म होता है। यहीं भागीरथी और अलंकनंदा का संगम होता है और इस संगम की खूबसूरती शायद आप देखकर चकित हो जाएं। भागीरथी और अलकनंदा का ये संगम अद्भुत है और यहां इन दोनों नदियों के मिलने के बाद ही जन्म होता है गंगा का। हिंदुओं की सबसे पावन नदी।
नंबर चार- ऋषिकेश
ऋषिकेश की गंगा जहां न सिर्फ एड्वेंचर स्पोर्ट्स बहुत अच्छे हैं, बल्कि यहां गंगा का ठंडा और सुहावना जल बहुत अच्छा लगेगा। यहां से कई ट्रैक्स भी किए जाते हैं। इसी के साथ, इसे योगियों की राजधानी भी कहा जाता है। हिमायल की गोद में बसे इस इलाके में आप गंगा को लेकर एडवेंचर भी कर सकते हैं।
और नंबर पांच- हरिद्वार
जब बात गंगा की हो रही है, तो हरिद्वार तो यकीनन जाना ही होगा। ऋषिकेश से 30 किलोमीटर दूर हरिद्वार में हिंदू धर्म का एक अलौकिक अहसास होता है। यहां गंगा का अनोखा रूप दिखेगा। यहां से भी पहाड़ों की खूबसूरती का आनंद उठाया जा सकता है।