खतरनाक स्मॉग से आखिर कैसे बचें, जाने !

लालकिला पोस्ट डेस्क
पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग ने अपने आगोश में ले लिया था। हालांकि ये देखने में तो धुंध की तरह ही लगता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। गैसों और कोहरे के मेल से बना स्मॉग स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। गाड़ियों, फैक्टरियों से निकलने वाले धुएं में मौजूद राख, सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य खतरनाक गैसें जब कोहरे के संपर्क में आती हैं तो वे स्मॉग का रूप ले लेती हैं। स्मॉग कई मायनों में स्मोक और फॉग दोनों से ज्यादा खतरनाक है।
स्मॉग की वजह से खांसी, दिल की बीमारी, ब्रॉन्काइटिस, त्वचा संबंधी रोग, बालों झड़ना, आंखों में जलन, नाक, कान, गला, फेफड़े में इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर के रोगियों को ब्रेन स्ट्रोक और दमा के रोगियों को अटैक की समस्या हो सकती है।
अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, या फिर सीढ़ियां चढ़ने या मेहनत करने पर हांफने लगते हों, सीने में दर्द या घुटन महसूस हो रहा हो, 2 हफ्ते से ज्यादा दिनों तक खांसी हो, 1 हफ्ते तक नाक से पानी या छींके आ रही हों और गले में लगातार दर्द बना रहता हो, तो आपको खास सावधानी रखने की जरूरत है।
वातावरण में स्मॉग होने पर कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। मसलन बीमार होने की सूरत में बाहर निकलने से बचना चाहिए, अगर निकलना जरुरी हो तो मास्क लगा कर निकलें, इसके अलावा सुबह शाम की सैर से भी बचना चाहिए।