दुनिया की सबसे ठंडी जगह, जहां पारा होता है -50 डिग्री से नीचे !

लालकिला पोस्ट डेस्क
दुनिया के कई हिस्से इस वक्त कड़ाके की ठंड के चपेट में हैं। मगर कुछ जगहें ऐसी भी है, जहां हमेशा कड़ाके की ठंड रहती है। ऐसी ही जगहों में से एक है रूस का ओम्याकॉन शहर है। जहां सर्दी के मौसम में औसत तापमान -50 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है। हालांकि इतने कड़ाके ठंड के बावजूद इस शहर में करीब 500 लोग रहते हैं।
इस शहर में रहने वाले लोगों को बहुत सारे ऐसे बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। कैपिटल सिटी याकुत्स्क से इस टाउन को दुनिया का सबसे ठंडा इनहैबिटेड एरिया माना जाता है। यहां रहने वालों के खाने से लेकर रहने के तरीके तक सब खास हैं। इतनी सर्दी के चलते जिंदा रहने के लिए वो सिर्फ मीट खाते हैं। वो भी रेंडियर और घोड़े का मीट खाते हैं।
सर्दी के मौसम में यहां दिन में मुश्किल से सिर्फ तीन घंटे के लिए रोशनी होती है। बाकी के वक्त अंधेरा छाया रहता है। हालांकि गर्मी के मौसम में दिन के 21 घंटे रोशनी रहती है और सिर्फ तीन घंटों के लिए ही रात होती है। इस शहर में एक बच्चों का स्कूल में है। आमतौर पर ये स्कूल तब तक चलता है, जब तक टेम्प्रेचर -52 डिग्री सेल्सियस नहीं पहुंच जाता।
सबसे मजेदार तो ये है कि ठंड की वजह से यहां पेन की इंक से लेकर ग्लास में पीने के पानी तक सबकुछ जम जाता है। यहां आज तक मोबाइल फोन सर्विस शुरू ही नहीं हो पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यहां का टेम्प्रेचर -60 डिग्री सेल्सियस के भी नीचे चला जाता है। 1933 में यहां पारा -67 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।