भुखमरी के मामले में दुनिया के कौन से देश अव्वल है ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
हाल ही में इस साल की ग्लोबल हंगर इंडेक्स की लिस्ट जारी हो चुकी है…लिस्ट के मुताबिक भुखमरी के शिकार देशों में…भारत का स्थान 94वें नंबर पर है…हालांकि पिछले साल की तुलना में इसके स्तर में कुछ सुधार तो हुआ है…बावजूद इसके आर्थिक तौर पर कमजोर माने जाने वाले पड़ोसी देशों…मसलन म्यांमार, पाकिस्तान और बांग्लादेश से अभी भारत पीछे है…रिपोर्ट की मानें तो भारत की 14 फीसदी आबादी कुपोषण की शिकार है…ऐसे में आइए जानते हैं दुनिया के उन 5 देशों के बारे में…जो हंगर इंडेक्स की लिस्ट में सबसे ऊपर हैं…
नंबर एक- चड
लीबिया और सूडान से घिरा चड देश भुखमरी का शिकार है…यहां की अधिकांश आबादी को खाने के लिए खाना नहीं मिल रहा है…इस देश में कुपोषण इतना ज्यादा है…कि 1 से 5 साल के बच्चों में मृत्युदर काफी ज्यादा है…हर 10 में से 1 बच्चा अपने पांचवें जन्मदिन से पहले नहीं बचता है…चड लगातार तीन सालों से हंगर इंडेक्स में सबसे प्रभावित देशों की सूची में है…
नंबर दो- मेडागास्कर
मेडागास्कर में भुखमरी इतनी ज्यादा है…कि इसे ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अलार्मिंग सूची पर रखा गया है…कुपोषण के चलते यहां लगभग 41.6 फीसदी बच्चों का शारीरिक…और मानसिक विकास पूरी तरह नहीं हो पाता है…मेडागास्कर में बार-बार साइक्लोन जैसी आपदाएं भी आती रहती हैं…इसलिए भी यहां खेती को पर्याप्त बढ़ावा नहीं मिल सका है…
नंबर तीन- हैती
भुखमरी के शिकार देशों की लिस्ट में हैती को सबसे ऊपर है…यहां कई दूसरी परेशानियों के बीच बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का आना भी एक बड़ी वजह है…इस वजह से हैती की 55 फीसदी से ज्यादा आबादी…गरीबी रेखा से नीचे रह रही है…वहीं तीन-चौथाई आबादी के पास हर दिन गुजारे के लिए 140 रुपये से भी कम आमदनी होती है…
नंबर चार- मोजांबिक
दक्षिण अफ्रीकी देश मोजांबिक…भुखमरी से त्रस्त देशों की लिस्ट में पांचवे नंबर पर है…साल 2015 में देश की हालत कुछ सुधरी थी…मगर इसके बाद से वो लगातार नीचे आ रहा है…फिलहाल इस देश की 32.6 फीसदी आबादी भुखमरी की शिकार है…
और नंबर पांच- तिमोर लेस्ते
दक्षिण-पूर्व एशिया का देश तिमोर लेस्ते की बड़ी आबादी…खाने की कमी से बुरी तरह प्रभावित है…सूखे की समस्या से जूझ रहे इस देश में खेती-किसानी नहीं के बराबर होती है…लोगों में खाने की क्वालिटी और सेहत को लेकर जागरुकता नहीं है…वहीं पानी की गंदगी से होने वाली बीमारियों…और खाने की कमी के चलते यहां 15 फीसदी से ज्यादा बच्चों की…पांच साल से पहले मौत हो जाती है…