करोना महामारी : लॉक डाउन से भारत को हो सकता 9 लाख डॉलर का नुक्सा

लालकिला पोस्ट डेस्क
करोना जैसी महामारी को देखते हुए 14 अप्रैल तक की गई बंदी यानि लॉक डाउन से देश की अर्थव्यवस्था को 9 लाख करोड़ तक का नुक्सान होने की संभावना जताई जा रही है। अभी तक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 562 हो गई है। इनमें से 512 लोगों का इलाज चल रहा है। बता दें कि नौ लाख करोड़ रुपये भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार फीसदी के बराबर है। विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बड़ी कटौती कर सकता है। यह भी मानकर चलना चाहिए कि राजकोषीय घाटा का लक्ष्य अब पार हो जाना तय है।
शोध-सलाह कंपनी बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वृद्धि दर के अनुमान में 1.7 फीसदी की कटौती कर इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। उसने कहा कि, ‘हमारा अनुमान है कि राष्ट्रव्यापी बंदी की कीमत करीब 120 अरब डॉलर यानी जीडीपी के चार फीसदी के बराबर रह सकती है।’ कंपनी ने कहा कि केंद्र सरकार की तीन सप्ताह की बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र जैसे कई राज्य पहले ही बंदी कर चुके हैं, उससे भी नुकसान होगा।
इससे पहले फिच रेटिंग्स ने देश की जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाया था। रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ को घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया है। इससे पहले फिच रेटिंग्स ने दिसंबर 2019 में भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.6 फीसदी लगाया था।
रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भी भारत की विकास दर का अनुमान घटाया है। दरअसल वैश्विक मंदी के खतरे से होने वाले प्रभाव को देखते हुए मूडीज ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 5.4 से घटा कर 5.3 कर दिया है।
एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 5.2 फीसद कर दिया है। एस एंड पी की तरफ से यह भी कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में जा रही है। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एजेंसी ने 2020 में भारत के जीडीपी ग्रोथ को 5.7 फीसद की रेटिंग दी थी।