इटली में दस हजार लोगों की मौत , 51 डाक्टरों ने भी जान गवाईं

लालकिला पोस्ट डेस्क
कोरोना वायरस ने इटली में कहर ढा रखा है। दुनिया भर में फैले इस बीमारी का सबसे बड़ा केंद्र इटली बनाहुआ है। यहां अबतक दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आलम यह है कि इस बीमारी से संक्रमित होकर 51 डॉक्टर भी जान गवां चुके हैं।उधर, स्पेन में भी पिछले 48 घंटे में रिकॉर्ड 1506 मौत के बाद मरने वालों की संख्या 5600 से ज्यादा हो गई है। ईरान में भी इस वायरस का कहर जारी है। वहां मौत के 139 नए मामले दर्ज किए गए हैं और अब कुल मरने वाले 2500 से ज्यादा हो गए हैं।
इटली में मरने वाले सभी डॉक्टर कोरोनावायरस से जंग लड़ रहे थे और हाल ही में पॉजिटिव पाए गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। इटली में डॉक्टरों की यूनियन के अध्यक्ष फिलिपो अनेल्ली ने हाल ही में इसी खतरे को देखते हुए डॉक्टरों के लिए और ज्यादा सुरक्षा उपकरण मांगे हैं।शनिवार को इटली में 889 लोगों की मौत के साथ तादाद 10 हजार पार हो गई है। देश में 86,498 संक्रमित हैं, जबकि 10,950 ही ठीक हुए। उधर, स्पेन में 48 घंटे के दौरान 1506 लोगों की मौत की पुष्टि की। अब स्पेन में मृतक 5812 हो गए।ईरान में भी शनिवार को 139 नई मौत के साथ मरने वालों की संख्या 2517 हो गई। देश में पीड़ितों की संख्या 35,408 मरीज हो गए हैं, जिनमें से 3,206 गंभीर हैं।..
अमेरिका में भी डॉक्टरों और नर्सों को भी अपनी जान की चिंता सताने लगी है। डॉक्टरों और नर्सों ने प्रशासन से ज्यादा संख्या में सुरक्षात्मक उपकरण, कपड़े व अन्य एसेसरीज देने की मांग की है। उधर ,जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने स्वीकार किया कि देश संक्रमण में भारी बढ़ोतरी के चलते राष्ट्रीय आपातकाल के करीब पहुंच गया है। अबे ने 10 दिन के अंदर अभूतपूर्व राहत पैकेज देने का वादा किया। जापान में 1499 संक्रमित व 49 की मौत हो चुकी है।तुर्की में संक्रमितों की संख्या 5698 हो गई। इसके बाद राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने देश में आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा है कि विश्व भर में उसके स्टाफ के 86 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। प्रवक्ता के मुताबिक, यूरोप में सर्वाधिक सदस्य कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। दुजारिक ने कहा कि अफ्रीका, एशिया, पश्चिम एशिया और अमेरिका में भी यूएन के कर्मचारी इस वायरस की चपेट में आए हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण रोकने के लिए यूएन के अधिकतर कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं।