टीबी रोगियों और चेन स्मोकर को करोना वायरस का ज्यादा खतरा
लालकिला पोस्ट डेस्क
भारत में करोना वायरस तेजी सेअपना पांव पसारता जा रहा है। अब तक 1100 लोगो को यह वायरस अपनी चपेट में ले चूका है जबकि 27 लोगों की मौत हो गई है। इधर शोध से पता चल रहा है कि टीबी रोगियों चेन स्मोकर को यह वायरस ज्यादा संक्रमित कर रहा है। वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन एवं कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक डा. प्रवीण शाह के मुताबिक धूम्रपान करने वालों को कोविड-19 का अधिक खतरा है। कोरोना का वायरस मुंह, नाक और आंख से शरीर में प्रवेश करता है। धूम्रपान करने के लिए सिगरेट को अंगुलियों से लेकर मुंह के संपर्क में आना पड़ता है। धूम्रपान करने वालों के फेफड़े पहले ही सामान्य लोगों की तुलना में कमजोर होते हैं। धूम्रपान करने वालों और टीबी पीड़ित लोगों के फेफड़े सामान्य लोगों की तुलना में कमजोर होते हैं। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते ही वैश्विक महामारी की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में लॉकडाउन का पालन करते हुए घरों में सुरक्षित रहें। टीबी का संक्रमण फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। कोरोना का वायरस भी फेफड़ों पर हमला करता है। निमोनिया होने से सांस लेने में दिक्कत होती है और पीड़ित की मौत हो जाती है।टीबी रोग विभाग के जिला समन्वयक डा. जावेद बताते हैं, कोरोना का संक्रमण टीबी मरीजों पर तेजी से हमला करता है। लॉकडाउन ही घरों में रहना ही सबसे बड़ा बचाव है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जीएस मर्तोलिया बताते हैं, दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 17 दिसंबर 2019 को चीन में आया।
दुनिया भर के चिकित्सक इसकी दवा और वायरस के शरीर में हमला करने की प्रवृत्ति पर शोध कर रहे हैं। अभी तक हुए शोध में यही सामने आया है कि किडनी, लीवर, हार्ट, शुगर, बीपी, हैपिटाइटिस बी, और सी, टीबी और सीओपीडी से जूझने वाले ही आसानी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसलिए जागरूकता ही कोरोना से एकमात्र बचाव है।
