बंगाल केमिकल्स को मिला हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बनाने का लाइसेंस
लालकिला पोस्ट डेस्क
दवा निर्माता कंपनी बंगाल केमिकल्स एंड फर्मासुटिक्लस को मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बनाने का लाइसेंस मिला है, जिसका उपयोग अब करोनो का इलाज करने के लिए किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को भारत की पहली व सबसे पुरानी दवा की कंपनी बंगाल केमिकल एंड फर्मासुटिक्लस लिमिटेड (बीसीपीएल) को मलेरिया रोधी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने की इजाजत दी। पश्चिम बंगाल में ड्रग कंट्रोल के निदेशक ने यह लाइसेंस एचसीक्यू की 200 और 400 एमजी की दवाओं के निर्माण के लिए जारी किया है।

बीपीसीएल के प्रबंध निदेशक पी एम चंद्रैया ने बताया कि अगर हमें कच्चा माल मिले तो हम अब दवाई का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी फिलहाल 10 लाख टैबलेट रोजाना का निर्माण कर सकती है। पर हमारे पास फिलहाल कच्चा माल नहीं है। इधर राज्य सरकार दार्जिंलिंग की पहाड़ियों में एक बार फिर से सिनकोना पेड़ों की खेती पर गंभीरता से विचार कर रही है। मलेरिया की दवा का सबसे अहम तत्व कुनैन इसी सिनकोना पेड़ों से प्राप्त होता है। हालांकि फिलहाल क्लोरोक्वीन नामक एक सिंथेटिक दवा की मदद से इसका निर्माण होना लगा है।
गौरतलब है कि अमेरिका में आरंभिक परीक्षण में पाया गया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का कोरोना पीड़ितों के त्वरित स्वास्थ्य लाभ के साथ इससे कोरोना का प्रभाव भी कम होता है। इसके बाद से अमेरिका सहित कई देशों में इसकी मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि पूर्वी भारत में बंगाल केमिकल मलेरिया की दवा बनानेवाली एकमात्र सरकारी कंपनी है। कंपनी की ओर से गुरुवार को ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया के पास एचसीक्यू बनाने के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। शुक्रवार को कंपनी को लाइसेंस जारी कर दिया गया।
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