दुनिया के इन लोगों को कोई भी देश क्यों नहीं मानता अपना नागरिक ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
किसी भी शख्स की राष्ट्रीयता और नागरिकता काफी मायने रखती है। इसका दर्द वही बयां कर सकते हैं, जिनके पास किसी देश की नागरिकता नहीं है। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जो किसी भी देश को अपना नहीं कह सकते। इसके कई कारण हैं। यहां हम ऐसे ही 5 लोगों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें कोई देश अपना नहीं मानता है।
नंबर एक- इउन जू
इउन जू को नॉर्थ कोरिया या चीन का नागरिक होना चाहिए। लेकिन उसे किसी देश ने नहीं अपनाया। चीन आने से पहले जू की मां नॉर्थ कोरियाई नागरिक थीं। माता-पिता को खोने के बाद जू नानी के साथ साउथ कोरिया पुहंच गई। नानी को तो वहां की नागरिकता मिल गई, लेकिन जू को वहां की नागरिकता नहीं मिली। साउथ कोरिया के लॉ के मुताबिक, जिंदा पेरेंट्स के बिना यहां किसी को नागरिकता नहीं मिलती।
नंबर दो- मुहम्मद इदरिस
भारत-पाकिस्तान के खराब रिश्तों की कीमत मुहम्मद इदरिस को चुकानी पड़ी। भारत में जन्में इदरिस शादी के बाद पाकिस्तान में बस गया। हालांकि भारत में रह रहे पिता की तबियत बिगड़ने पर उसे वापस आना पड़ा। ज्यादा वक्त तक रहने के चलते उसे पाक जासूस होने के शक में अरेस्ट कर लिया गया। 10 साल जेल में रहने के बाद जब उसने पाक लौटने की कोशिश की, तो उसे लौटा दिया गया। क्योंकि उसकी नागरिकता रद्द कर दी गई थी। ऐसे में वो दोनों में से किसी भी देश का नहीं रहा।
नंबर तीन- एलियाना रुबाश्किन
कोलंबिया में पैदा हुईं एलियाना कभी लुईस रुबाश्किन हुआ करती थीं। खुद के इंटरसेक्स होने की जानकारी मिलने के बाद उसने अपनी सर्जरी कराई और वो लुईस से एलियाना बन गईं। लेकिन जेंडर बदलने की वजह से उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यूनाइटेड नेशन ने उसे जेंडर रिफ्यूजी का दर्जा दिया, जिससे उसकी कोलंबिया की नागरिकता रद्द हो गई। 2014 में उसे न्यूजीलैंड ने शरण तो दी, लेकिन वो अब भी स्टेटलेस है।
नंबर चार- महा मामो
लेबनान में पैदा हुईं महा मामो के पास भी कहीं की नागरिकता नहीं है। महा के पिता सीरियन थे, जबकि मां लेबनानी नागरिक थी। पिता के सीरियन नागरिक होने की वजह से उसे लेबनान की नागरिकता नहीं मिली, वहीं ईसाई पिता और मुस्लिम मां होने के चलते उसे सीरिया ने भी नहीं स्वीकारा।
और नंबर पांच- सेज चुंग च्युंग
सेज चुंग की मां बेल्जियन और पिता हांगकांग के हैं, लेकिन वो दोनों में से कहीं के नागरिक नहीं है। बेल्जियम के कानून के मुताबिक, देश से बाहर पैदा होने वालों के लिए 18 से 28 साल की उम्र तक देश में रहना जरूरी होता है या फिर 28 साल की उम्र से पहले देश लौटना जरूरी है। पर सेज ने इनमें से एक भी चीज पूरी नहीं की।