गन्ने का रस पीने से पहले जानें ये बातें, नहीं तो हो सकते हैं बीमार !

लालकिला पोस्ट डेस्क
अगर आप गन्ने का रस पीने के शौकीन हैं, ये मानते हैं कि इससे आपकी हेल्थ को फायदा मिलता है और ये आपको तरोताजा कर देता है। तो आप गलत हैं। हकीकत ये है कि गन्ने का रस और बर्फ दोनों की तासीर अलग है। ये आपको गंभीर बीमारी भी दे सकता है। गन्ने पर लगे फफूंद की वजह से हेपेटाइटिस ए, डायरिया और पेट की बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा आप ज्वाइंडिस और टायफायड की चपेट में भी आ सकते हैं। ऐसे में अगर आप जरा-सी सावधानी बरतेंगे, तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। गन्ने का रस पीने से पहले एक बार देखिए कि वो बनता कैसे है।
नंबर एक- रस निकालने की मशीन पर मक्खियां बैठ जाती हैं। इसलिए रस निकलवाने से पहले मशीन को जरूर धुलवा लें। साथ ही रस निकालने वालों से भी हाथ धोने के लिए कहें।
नंबर दो- गन्ने के रस में जो पुदीना मिलाया जाता है, उसे धुलवा लें, क्योंकि उसमें भी मिट्टी लगी रहती है, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
नंबर तीन- रस में जो नींबू डाला जाता है, उसे भी गौर से जरूर देखें कि उस पर दाग या फफूंद तो नहीं है। साथ ही उसके बीज भी निकलवा लें।क्योंकि नींबू का बीज में सेलिसिक एसिड पाया जाता है। यदि बीज का रस हमारे शरीर में जाता है तो वो पेट संबंधी विकार उत्पन्न करता है।
नंबर चार- रस बेचने वाले से गन्ने की अच्छे से सफाई करने को जरूर कहें। साथ ही उसे गन्ने को छीलने के लिए कहें। ताकि रस में मिट्टी नहीं मिल सके।
नंबर पांच- गन्ने का रस जिस मशीन से निकाला जाता है, उसके लिवर और चकरियां ऑयल और ग्रीस से ही घूमती हैं। अगर इसका उपयोग नहीं किया जाएगा तो वो जाम हो जाएंगी। यदि ये ग्रीस और ऑयल गन्ने के रस में मिलता है तो ये आंतों के लिए नुकसानदायक साबित होता है।
नंबर छह- गन्ने के रस में बर्फ इसलिए मिलाया जाता है, ताकि वो ठंडा हो जाए। बर्फ की तासीर गर्म होती है लेकिन ये भी समझ लेना चाहिए कि ये बर्फ हमेशा शुद्ध नहीं होता। इसलिए बहुत से लोग बिना बर्फ वाला गन्ने का रस पीते हैं।