करोना वायरस की लड़ाई में भारत के योगदान को यूएनओ ने सराहा

लालकिला पोस्ट डेस्क
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अन्य देशों की मदद करने वाले देशों को सलाम किया है। गुटारेस के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।गुतारेस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में भारत ने अमेरिका समेत कई देशों को कोरोना वायरस संक्रमण का संभावित उपचार मानी जा रही मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की थी। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएफडीए) ने इस दवा को कोविड-19 का संभावित उपचार माना है और न्यूयॉर्क के 1,500 से अधिक कोरोना मरीजों पर इसका परीक्षण चल रहा है। भारत द्वारा इस दवा के निर्यात से प्रतिबंध हटाने के बाद बीते कुछ दिनों में इस दवा की मांग तेजी से बढ़ी है।
गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘वायरस के खिलाफ इस जंग में महासचिव वैश्विक एकजुटता का आह्वान करते हैं। इसका मतलब है कि जो भी देश अन्य देशों की मदद करने की स्थिति में हैं, उन्हें ऐसा करना चाहिए. हम उन देशों को सलाम करते हैं जो ऐसा कर रहे हैं। ‘
मालूम हो कि वह कोरोना वायरस के बीच अन्य देशों को दवा और अन्य सामान की आपूर्ति किए जाने के भारत के प्रयासों पर गुतारेस की प्रतिक्रिया मांगे जाने से जुड़े सवाल पर जवाब दे रहे थे। भारत ने कोरोना का संभावित उपचार मानी जा रही मलेरिया रोधी दवा के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया है। भारत कोरोना वायरस से प्रभावित 55 देशों को सहायता और वाणिज्यिक आधार पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति करने की प्रक्रिया में है। बीते कुछ दिनों में अमेरिका, मॉरिशस और सेशेल्स समेत कुछ अन्य देशों तक यह आपूर्ति पहुंच भी गई है जबकि अन्य देशों तक इस सप्ताहांत तक पहुंच जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा भारत पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार को भी यह दवा भेज रहा है।
बता दें कि भारत, जाम्बिया, डोमिनिकन गणराज्य, मेडागास्कर, यूगांडा, बुर्किना फासो, नाइजर, माली, कांगो, मिस्र, आर्मेनिया, कजाकिस्तान, इक्वाडोर, जमैका, सीरिया, यूक्रेन, चाड, जिम्बाब्वे, फ्रांस, जॉर्डन, केन्या, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान और पेरू को भी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति कर रहा है।