क्या तेज गर्मी से कमजोर पड़ने लगता है कोरोना वायरस ? क्या सूरज की रोशनी से कोरोना का काम तमाम हो रहा है ? आखिर वैज्ञानिकों ने क्या दावा किया है ? जानिए

लालकिला पोस्ट डेस्क
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच…इसकी दवा को लेकर भी रिसर्च लगातार जारी है…हालांकि दुनियाभर में हो रहे रिसर्च का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है…मगर इन सबके बीच हाल ही में हुए रिसर्च में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं…जिससे कोरोना के खिलाफ जंग में जीत की उम्मीद दिखाई देने लगी है…
दऱअसल अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट में…कोरोना वायरस को लेकर बड़ा दावा किया गया है…नए रिसर्च में बताया गया है कि सूरज की रोशनी, गर्म और उमस भरे मौसम में…कोरोना वायरस के जीवित रहने की संभावना बेहद कम है…ये ठंड और शुष्क मौसम के उलट है…जहां यह वायरस लंबे समय तक रहता है… हालांकि इस स्टडी को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है…फिलहाल इसका मूल्यांकन किया जा रहा है…
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी में…विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय के प्रमुख विलियम ब्रायन के मुताबिक सरकारी वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है…कि सूरज की पराबैंगनी किरणें…पैथोगेन यानी वायरस पर प्रभावशाली असर डालती हैं…उम्मीद है कि गर्मियों में इसका प्रसार कम होगा…बकौल विलियम ब्रायन हमारी रिसर्च की खास बात ये है कि सोलर लाइट…सतह और हवा दोनों में इस वायरस को मारने की क्षमता रखता है…ब्रायन ने उम्मीद जताते हुए कहा…कि अगर ये रिसर्च सही पाया गया…तो उम्मीद है कि इस गर्मी में इसका प्रसार कम हो पायेगा…
आपको बता दें कि ये रिसर्च मैरीलैंड में नेशनल बायोडेन्स एनालिसिस एंड काउंटरमेशर्स सेंटर में किया गया था…शोध में पाया गया कि 21 से 24 डिग्री सेल्सियस तापमान में करीब 18 घंटे में वायरस आधा खत्म हो गया…दरवाजों के हैंडल और स्टेनलेस स्टील पर भी इसका असर इसी तरह का देखा गया…हालांकि, नमी को 80 फीसदी बढ़ाए जाने के बाद…आधा वायरस 6 घंटे में खत्म हो गया…जब इसी परीक्षण को सूरज की किरणों के बीच किया गया…तो इसे खत्म होने में दो मिनट लगे…जाहिर है पूरे विश्व में फैली महामारी के बीच ये भारत जैसे देशों के लिए अच्छी खबर हैं…जहां गर्म मौसम रहता है…