आखिर कितना खतरनाक है पैनक्रिएटिक कैंसर ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पैनक्रिएटिक कैंसर नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। दऱअसल पैनक्रियाज को अग्नाशय कहते हैं, जो एक ग्रंथि है। ये पाचन तंत्र का मुख्य अंग और छोटी आंत का पहला भाग होता है। अग्नाशय 6-10 इंच लंबी ग्रंथि होती है, जो आमाशय के पीछे पेट में पायी जाती है। अग्नाशय खाना पचाने में मदद करने वाले हार्मोन और एंजाइम को छोड़ता है।
अग्नाशय इंसुलिन, ग्लुकागोन और सोमाटोस्टाटिन हार्मोन बनाने वाला शरीर का सबसे अहम हिस्सा है, जो शरीर के सारे सिस्टम को बेहतर रखने का काम करता है। अग्नाश्य बहुत से पाचक एंजाइम्स का भंडार भी है। अगर ये ठीक से काम न करे तो कई बीमारियां हो सकती हैं। जिसमें अग्नाश्य कैंसर, गैस, मधुमेह, अग्नाशयशोथ भी शामिल हैं। मगर कैंसर होना पेनक्रियाज़ के लिए सबसे खतरनाक स्थिति मानी जाती है।
इस कैंसर की भयानकता इसी बात से जान लीजिए कि इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। पेनक्रियाज़ कैंसर होने के सटीक कारण अब तक साफ नहीं है। माना जाता है कि धूम्रपान और ज्यादा मात्रा में शराब लेने से इसका खतरा बढ़ता है। ये बीमारी होने पर किसी को पेट के ऊपरी हिस्से में बेतहाशा दर्द होता है, तो किसी का वज़न तेज़ी से गिरता है। पीलिया हो जाना, नाक से खून बहना, भूख कम लगना भी इसके लक्षणों में शामिल हैं। इस बीमारी का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथिरेपी के किया जा सकता है। तो आइए सबसे पहले जानते हैं इस स्टेज के बारे में।

स्टेज 0- इस स्टेज पर कैंसर पेनक्रियाज़ कोशिकाओं की ऊपरी परतों तक होता है। ये इमेज टेस्ट में दिखाई नहीं देता। स्टेज I– इस स्टेज तक कैंसर, पेनक्रियाज़ कोशिकाओं से 2 सेंटीमीटर आगे बढ़ता है। जिसे स्टेज IA कहा जाता है। जब ये 4 सेंटीमीटर फैलता है, तो इसे स्टेज IB कहा जाता है। स्टेज II– यहां आने तक कैंसर, पेनक्रियाज़ से बाहर की ओर फैलने लगता है। स्टेज- III– इस स्टेज तक पहुंचने के बाद कैंसर तेजी से फैलता है। ट्यूमर ब्लड वेसल्स और नर्व्स तक फैल चुका होता है। और स्टेज IV– इस स्टेज पर कैंसर अग्नाशयी अंगों में अंदर तक भी फैल चुका होता है।