आखिर घर पर कैसे तैयार करें सर्दी-खांसी का अचूक आयुर्वेदिक नुस्खा ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
बदलते मौसम के साथ ही सर्दी-खांसी, जुकाम, गले की खराश, बुखार जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती है। इन बीमारियों के लिए हम आम तौर पर हेवी मेडिसिन्स या एंटीबायोटिक्स लेते हैं, लेकिन कभी-कभी शरीर पर इसका बड़ा साइड इफेक्ट होता है। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है। लेकिन अगर हम सर्दी-जुकाम और गले की आम बीमारियों के लिए हेवी मेडिसिन्स या एंटीबायोटिक्स की बजाय आयुर्वेदिक सिरप लें, तो ये काफी फायदेमंद होता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस सिरप को घर पर भी बनाया जा सकता है।
तो आइए जानते हैं कि घर पर आयुर्वेदिक सिरप बनाने के तरीके और इसके फायदे के बारे में-
सबसे पहले जानते हैं इसे बनाने और इसके इस्तेमाल के बारे में –
10-12 तुलसी के पत्ते, चुटकी भर सेंधा नमक, सोंठ और दालचीनी पाउडर, 3-4 लौंग, 2-3 काली मिर्च और दो चम्मच शहद लें। शहद छोड़कर बाकी चीजों को पीसकर एक गिलास पानी में उबालें, पानी आधा रह जाए तो उसमें 2 चम्मच शहद मिला दें। इसके बाद इस आयुर्वेदिक सिरप को एक कांच की साफ शीशी में भरकर रख लें, सर्दी-खांसी और गले की खराश होने पर इसका इस्तेमाल करें। सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार, एलर्जी या गले की खराश होने पर दिन में तीन बार ये कफ सिरप 2-2 चम्मच लिया जा सकता है। इस सिरप के लेने के दौरान ठंडी और खट्टी चीजें नहीं खाएं।
अब जानते हैं इसके फायदे के बारे में
नंबर एक- इस सिरप में मौजूद इन्ग्रीडिएन्ट्स शरीर की नेचुरल इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। जिससे सर्दी-जुकाम में काफी फायदा होता है।
नंबर दो- तुलसी, शहद, दालचीनी और काली मिर्च जैसे इन्ग्रीडिएंट्स कफ को ढीला करके खांसी की समस्या से राहत दिलाते हैं।
नंबर तीन- ये सिरप सर्दी की वजह से होने वाली बुखार की समस्या में भी फायदा करता है। इसके सेवन से जोड़ें के दर्द से भी राहत मिलती है।
नंबर चार- इस सिरफ से गले की खराश, गले में दर्द और इरिटेशन जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
और नंबर पांच- एलर्जी के कारण नाक बहना, छींक आना, कमजोरी महसूस होना, बदन कांपना जैसी समस्याओं में भी ये सिरप काफी फायदेमंद होता है।