सऊदी अरब में आज से जी-20 देशों का आपातकालीन शिखर सम्मेलन शुरू

लालकिला पोस्ट डेस्क
सऊदी अरब में आज से जी-20 देशों का आपातकालीन शिखर सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। पीएम मोदी भी सम्मेलन में वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हिस्सा लेंगे और करोना वायरस से लड़ने के लिए विश्व समुदाय को सम्बोधित करेंगे। बता दें कि आज से शुरू हो रहे इस सम्मलेन की अध्यक्षता सऊदी अरब के सुलतान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद करेंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई शीर्ष नेता कोरोनावायरस महामारी से निपटने के समन्वित उपायों पर चर्चा करेंगे। जी-20 की अध्यक्षता कर रहे सऊदी अरब ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने का आव्हान ऐसे समय पर किया है जब इस वैश्विक संकट से निपटने को लेकर समूह की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों द्वारा तेजी से कदम न उठाने को लेकर आलोचना हो रही है।
बुधवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘बैठक में कोरोनावायरस महामारी और उसके मानवीय व आर्थिक प्रभाव से निपटने के समन्वित उपायों पर विचार किया जाएगा।’ बैठक में इटली, स्पेन, जार्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे कोरोनावायरस से प्रभावित देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसमें शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को वैश्विक लड़ाई में बदलना चाहते है, जहां प्रतिभागी देश अपने चिकित्सा ज्ञान और संसाधनों में तालमेल की मदद से वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकें। जी-20 बैठक का उद्देश्य सदस्य देशों के लिए सबसे खराब स्थिति में अपनी चिकित्सा क्षमता को बढ़ाने का और वायरस के प्रसार को रोकने व उसके इलाज के लिए वैज्ञानिक प्रयास करना होगा।
इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ, विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन जैसे शीर्ष संगठन भी शामिल होंगे। बैठक में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन), अफ्रीकी संघ, खाड़ी सहयोग परिषद और अफ्रीका के विकास के लिये नई भागीदारी (एनईपीएडी) जैसे क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। जी-20 में भारत के अलावा, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।