लोभी जनता ठग सरकार , बुरा है स्वस्थ्य सुविधाओं का हाल

अखिलेश अखिल
क्या आपको पता है कि आजाद भारत के 72 साल के बाद भी देश की सरकारों ने स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में जनता को भारी मुर्ख बनाया। इसमोरचे पर सभी राजनीतिक दलों ने जनता को लुटा और छाला भी। आज भी हमारे देश में 1700 मरीजों के लिए एक डॉक्टर उपलब्ध है। पूर्वोत्तर समेत कुछ राज्यों की हालत तो और भी ख़राब है। और सच ये है कि देश की बड़ी आबादी आज भी उचित इलाज के अभाव में जान गवां बैठती है। किसी भी सरकार कीपहली जिम्मेदारी है है कि वह अपनी जनता के स्वास्थ्य को ठीक रखे और इलाज का बेहतर उपाए करे। लेकिन आज तक यह संभव नहीं हो सका। जनता को भी कोई मतलब नहीं। वह लोभी है तो सरकार ठग है। जनता को थोड़ा ही चाहिए। उधर सरकार के मजे हैं और वह पूरा गटक जाने को तैयार है। यही हाल सालों से है। देश बुनियादी समस्यायों से जूझ रहा है लेकिन हमारी सरकार उन समस्यायों से विलग काम करती नजर आ रही है। खैर जोभी हो सच यही है कि देश का स्वस्थ्य व्यवस्था बेकार है।
कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 131 हो गई है। वायरस से लड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हर जरूरी कदम उठा रही हैं। लेकिन सवाल ये पैदा होता है कि क्या देश में स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी मजबूत हैं कि संक्रमित लोगों की लगातार बढ़ती संख्या के इलाज के लिए पर्याप्त हो सके।कुछ आंकड़े आपके सामने पेश है। उन्हें देखिये तो पता चलेगा कि आपको किसने लुटा ? फिर आपको हिन्दू मुसलमान चाहिए या फिर बिमारी का इलाज ? कुछ राज्यों की कहानी आपके पास है देख लीजिए। बिहार में एक डॉक्टर पर 29391 मरीजों कभार है। यानी इतने मरीज को देखने के लिए एक डॉक्टर उपलब्ध है। इसी तरह यूपी – 19,962,झारखंड – 18,518,मध्य प्रदेश – 17,192,महाराष्ट्र – 16,99६,दिल्ली – 2,203,मणिपुर – 2,358,पुडुचेरी – 2,384,अरुणाचल प्रदेश – 2,417 और सिक्किम में 2,437 मरीजों पर एक डॉक्टर उपलब्ध है। कहानी यही तक की नहीं है। 1,000 लोगों पर सरकारी बिस्तर की उपलब्धता जानकार आपको और भी परेशानी हो सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताविक ही 1000 लोगों पर बिहार में मात्र 0.11 बिस्तर उपलब्ध है। इसी तरह गुजरात – 0.33 बिस्तर,झारखंड – 0.33 बिस्तर,,छत्तीसगढ़ – 0.37 बिस्तर,उत्तर प्रदेश – 0.38 बिस्तर,मध्य प्रदेश – 0.43 बिस्तर,ओडिशा – 0.44 बिस्तर और महाराष्ट्र में मात्र 0.46 बिस्तर उपलब्ध हैं।
कुछ राज्यों में सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की स्थिति तो और भी बदतर है 1,000 लोगों पर सरकारी बिस्तर की स्थिति मणिपुर – 0.50 बिस्तर,आंध्र प्रदेश – 0.52 बिस्तर,असम – 0.55 बिस्तर,जम्मू-कश्मीर – 0.58 बिस्तर,पंजाब – 0.65 बिस्तर,राजस्थान – 0.69 बिस्तर,उत्तराखंड – 0.84 बिस्तर,पश्चिम बंगाल – 0.86 बिस्तर, और नागालैंड में मात्र 0.95 बिस्तर उपलब्ध हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ राज्यों मेंही सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की स्थिति संतोषजनक है। 1,000 लोगों पर सरकारी बिस्तर तमिलनाडु – 1.07 बिस्तर,कर्नाटक – 1.14 बिस्तर,केरल – 1.14 बिस्तर,मेघालय – 1.15 बिस्तर,त्रिपुरा – 1.21 बिस्तर,अरुणाचल प्रदेश – 1.74 बिस्तर,हिमाचल प्रदेश – 1.81 बिस्तर,मिजोरम – 1.82 बिस्तर,गोवा – 2.07 बिस्तरऔर सिक्किम में 2.55 बिस्तरउपलब्ध है।
अब आप ही बताएं कि अगर देश में करोना महामारी फ़ैल जाए तो क्या इलाज संभव है ? क्या सरकारी व्यवस्था इसकी गारंटी देगी कि सभी लोगों का इलाज हो जाएगा ?