कहां बनाया जाता है लाल किले पर फहराया जाने वाला तिरंगा ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है। जो लाल किले पर जाकर झंडारोहण नहीं देख पाते हैं, वो टीवी के सामने बैठकर इस कार्यक्रम को देखते हैं। प्रधानमंत्री के हाथों लाल किले पर फहराया जाने वाला झंडा वैस तो किसी आम झंडे की तरह की नजर आता है।
लेकिन आज हम इससे जुड़ी खास बता बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। मसलन लाल किले से फहराया जाने वाला झंडा किस फैक्ट्री से मंगवाया जाता है? किस कपड़े से वो झंडा बना होता है? झंडे की लंबाई, चौड़ाई कितनी होती है? और प्रधानमंत्री के झंडे को फहराए जाने के बाद किस स्थान पर सुरक्षित रखा जाता है?
तो आपको बता दें कि 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री के हाथों फहराए जाने वाला झंडा रेशम से बना होता है। उस तिरंगे का आकार 307cm × 240cm होता है। इस झंडा को फहराए जाने के बाद उसको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सशस्त्र बलों की होती है। ये झंडा उनको सुपुर्द किया जाता है।
अब आपको बताते हैं कि आखिर ये झंडा कहां तैयार होता है। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि लाल किले पर फहराए जाने वाला झंडा यूपी के शाहजहांपुर जिले में तैयार होता है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक इस झंडे को शाहजहांपुर आयुध वस्त्र निर्माण फैक्ट्री बनाया जाता है। इसी फैक्ट्री में आर्मी की वर्दी भी तैयार की जाती है। जिसको शहर में लोग दर्जीखाना भी कहते हैं। हर 15 अगस्त को राष्ट्र ध्वज बनाने की जिम्मेदारी इस फैक्ट्री को दी जाती है।
बताया जाता है कि शहर में आयुध वस्त्र निर्माण फैक्ट्री बनने के बाद शहर की बेरोजगारी इस फैक्ट्री ने खत्म कर दी थी। कहा जाता है कि उस वक्त शहर की आधी आबादी से ज्यादा लोग, इस फैक्ट्री में नौकरी करते थे और आज भी तीन से चार हजार के करीब वर्कर्स इस फैक्ट्री में है।