आखिर नींद में उठकर क्यों चलने लगते हैं लोग ?

लालकिला पोस्ट डेस्क
अक्सर आपने कुछ लोगों को नींद में चलते हुए देखा होगा। लेकिन ऐसा क्यों होता है, ये आज भी ज्यादातर लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, कई लोगों को नींद में चलने की आदत होती है. लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि आखिर लोग नींद में चलते क्यों हैं? साथ ही सुबह उठने पर उन्हें कुछ याद क्यों नहीं रहता है?
दरअसल हमारे दिमाग में दो तरह के केमिकल बनते हैं। एक सोते समय और दूसरा जब हम उठे रहते हैं। इन दोनों केमिकल का संतुलन बना रहने से हमे नींद का एहसास होता है। इनमें से कोई भी एक केमिकल के डिस्टर्ब होने से लोग नींद में चलने लगते हैं। इसका ये मतलब है कि सोते समय भी आपका शरीर एक्टिव रहता है.
ज्यादातर लोग गहरी नींद और ‘नॉन रैपिड आई मूवमेंट’ की अवस्था में चलते हैं। लेकिन नींद में चलते समय लोग क्या करते हैं किसी को भी याद नहीं रहता है। सोते समय लोग NREM यानी नॉन रेपिड आई मुवमेंट में होते हैं और ये हमारी दिमाग की याद्दाश्त से जुड़ा नहीं होता है। जिस वजह से हमें सुबह उठने पर नींद में चलने के बारे में याद नहीं रहता है।
हालांकि नींद में चलने की आदत ज्यादातर बच्चों में होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चों के शरीर में GABA नाम का केमिकल मौजूद होता है। यही केमिकल उनको नींद का एहसास कराता है। लेकिन, कुछ बच्चों के शरीर में ये केमिकल कम स्तर में बनता हैं। जिसके चलते अक्सर कुछ बच्चे नींद में चलने लगते हैं। हालांकि कुछ बड़े लोगों में भी इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। अगर ऐसा है, तो फिर ये सोने के अभाव, मानसिक तनाव, अल्कोहल, डिप्रेशन और किसी बात पर ज्यादा चिंतित होने के कारण हो सकता है।